राजकोट. देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही सौराष्ट्र प्रांत में भी कोरोना संक्रमण की गति बढ़ी है. प्रतिदिन नए संक्रमण के 8000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. विभिन्न जिलों में स्थिति गंभीर हो रही है. संकट के समय में पीड़ितजनों तथा जरूरतमंदों की सेवा व सहयोग के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्य में जुट गए हैं. स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न सेवा कार्य किए जा रहे हैं.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कच्छ-भुज में काढ़ा वितरण किया जा रहा है. साथ ही कोविड केयर सेंटर भी प्रारंभ किया गया है. अस्पताल प्रशासन की सहायता के लिए भी स्वयंसेवक सेवा कार्य कर रहे हैं.
संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्र मोरबी में स्वयंसेवकों ने ऐन्टीजन टेस्ट सुविधा, एम्बुलेन्स सेवा, अंतिम संस्कार सेवा आदि कार्य शुरू किए हैं. तो राजकोट में संक्रमण के कारण क्वारेंटाइन मरीजों को भोजन, फल, ऑक्सीजन सिलेंडर, चिकित्सकीय परामर्श, के साथ ही शमशान घाट में अंतिम संस्कार में सहयोग, प्रशासन की सहायता भी स्वयंसेवक कर रहे हैं.
इसी प्रकार, जामनगर, गोंडल, जूनागढ़ आदि जिलों में काढ़ा, आक्सीजन, मरीजों को अस्पताल पहुंचाना, उपचार के लिए इधर-उधर भटकते मरीजों का सही मार्गदर्शन करना, उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल करवाने में सहायता की जा रही है. इसी कड़ी में सुरेन्द्र नगर और भावनगर में कार्यकर्ताओं ने शमशान घाट में मोरचा संभाला है. साथ ही जहां पूरा का पूरा परिवार संक्रमित हुआ है, उन्हें भी आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है.
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वांकानेर नगर, भावनगर के स्वयंसेवक भिन्न-भिन्न सामाजिक संस्थाओं और सभी समाज के लोगों की सहायता से शमशान घाट में अग्नि संस्कार के लिए लकड़ियों, गोबर के कंडों की व्यवस्था कर रहे हैं.
प्रांत के 15 जिलों में करीब एक हजार के आसपास कार्यकर्ता सेवा कार्यों में लगे हैं. सेवा कार्य के दौरान कुछ कार्यकर्ता स्वयं भी संक्रमित हुए हैं. कुछ कार्यकर्ता सेवा कार्य करते हुए देवलोक गमन भी कर गए.
स्वयंसेवक महामारी से लड़ने के लिए क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार समाज को आगे रखककर प्रचार की अपेक्षा किए बिना कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ रहे हैं. तथा डॉ. हेडगेवार द्वारा बताए कर्म पथ पर चलते हुए समाज सेवा में अपने प्राणों की चिंता भी नहीं कर रहे हैं.