पटना. कोरोना संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन लगा तो स्कूल भी बंद करने पड़े. जिससे बिहार के मुजफ्फरपुर के मीनापुर के स्कूल शिक्षक विनोद की आंखों के आगे अंधेरा छा गया. खेमाइपट्टी में विनोद इंडिया प्रेप पब्लिक स्कूल चलाते हैं. वहां नर्सरी से लेकर आठवीं तक 250 बच्चे पढ़ते थे. स्कूल की आय ही जीने का आधार था, लेकिन लॉकडाउन के कारण स्कूल को बंद करना पड़ा. इस कारण दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.
बड़े सोच विचार के बाद स्कूल भवन में मशरूम की खेती का विचार किया. इसी दौरान एक व्यक्ति ने राजेंद्र कृषि विवि, पूसा से मशरूम उपलब्ध करा दिया. महज दो हजार रुपये की पूंजी से उन्होंने मशरूम का उत्पादन शुरू किया. इस खेती से विनोद की किस्मत चमक गयी. स्कूल में अब मशरूम के दो हजार पैकेट हो गए हैं. करीब सात हजार रुपये की रोज आमदनी हो रही है.
विनोद को मार्च तक दस लाख मुनाफा होने का अनुमान है. फिलहाल 20 से 25 किलो मशरूम रोज निकल रहा है. 15 दिसंबर के बाद उत्पादन 60 से 70 किलो तक पहुंचने की आशा है. बीएओ राजदेव राम ने खेमाइपट्टी पहुंच कर दस पैकेट मशरूम का क्रॉप कटिंग किया, जिसमें एक किलो मशरूम निकला.
बीएओ ने कहा कि विनोद ने कृषि क्षेत्र में नया प्रयोग कर उदाहरण प्रस्तुत किया है. विनोद सेंट आर सेटी व कृषि विज्ञान केंद्र, सरैया से भी प्रशिक्षण ले चुका है, उन्हें एक पुत्र व एक पुत्री है. बाढ़ में दो एकड़ में लगी फसल बह गयी. इसके बावजूद विनोद को इसका मलाल नहीं है. अब शिक्षा का मंदिर मशरूम उगल रहा है.