नई दिल्ली. कुम्भ को सुपर स्प्रेडर साबित करने के प्रयासों के बीच टूल किट सामने आने के पश्चात संतों ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किए जा रहे प्रयासों की निंदा की. हिन्दू धर्म संस्कृति का दुष्प्रचार कर राजनीतिक स्वार्थ पूरे नहीं होंगे.
जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने एक वीडियो संदेश में कहा कि भारतीय संस्कृति, संस्कार, सभ्यता और उसकी संवेदनाएं एक साथ कहीं दिखाई देती हैं तो वह कुंभ का महापर्व है. कुंभ पर्व केवल हिन्दुओं का नहीं है. संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनेस्को ने उसे मानवता के अमूर्त धरोहर, सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी घोषित किया है. एक टूलकिट के माध्यम से ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि कुम्भ के मेले से कोरोना का संक्रमण फैला. आंकड़ों की सत्यता को पहचानें. जब कुंभ का मेला चल रहा था, तब अन्य प्रदेशों में कोरोना वायरस की अधिक प्रचंडता थी, ऐसी उत्तराखंड में नहीं थी. न ही कुंभ के अवसर पर थी. तो एक सुनियोजित ढंग से भारत की संस्कृति, संस्कार अथवा हमारी आस्था, हमारी पर्व परंपरा, मूल्यों पर और विशेषकर हमारी सांस्कृतिक निष्ठा पर प्रहार किए जा रहे हैं. सुनियोजित ढंग से, क्षुद्र मानसिकता के साथ केवल अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए इस प्रकार का राजनीतिक दुःसाहस ठीक नहीं है. इस प्रकार से अन्य मतों और धर्मावलंबियों को प्रश्रय देकर और हिन्दू धर्म संस्कृति का दुष्प्रचार करके कुछ स्वार्थ पूरे नहीं होंगे. संत समाज इसकी निंदा करता है, इसकी भर्त्सना करता है. कुंभ निःसंदेह ऐसा नहीं था, जैसा बताया जा रहा है. तो कुंभ को लेकर दुष्प्रचार न करें.
उन्होंने कहा कि संपूर्ण संत समाज में भारी रोष है. हमने बड़ा संयम रखा. माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर कुंभ कुछ ही घंटों में समेट दिया गया था, उसका विसर्जन कर दिया गया था. कुछ ही संख्या में लोग स्नान करने पहुंचे थे तो जो उसकी विराटता थी, व्यापकता थी, उसका विसर्जन कर दिया गया था.
आंकड़ों को देखें, उसके यथार्थ को समझें, कुंभ से कोरोना का प्रकोप नहीं गया है. और कृपया करके इस पर बहुत ज्यादा राजनीतिक करके शोभा नहीं देता. भारत की परंपरा, भारत के मूल्यों में विश्वास रखिए. यहीं आप जन्मे हैं, पले हैं, बढ़े हैं. इसलिए भारत माता को अपना इष्ट मानकर, अपना सर्वस्व उसे सौंपकर देखो आपका सर्वथा मंगल होगा.
कुंभ पर्व का दुष्प्रचार सर्वथा अनुचित है; आँकड़ो की सत्यता यह है की कुम्भ में कोरोना की प्रचण्डता अन्य प्रदेशों में अधिक थी ! क्षुद्र स्वार्थ सिद्धि के लिए मानवता की अमूर्त्त सांस्कृतिक धरोहर #कुम्भ पर भ्रामक प्रचार देवसत्ता का अनादर है ! #टूलकिट @narendramodi @AmitShah @PTI_News pic.twitter.com/p2khPh4r8T
— Swami Avdheshanand (@AvdheshanandG) May 19, 2021