जनजाति परंपरा को समयानुकूल बनाने एवं जनजाति प्रतिभा को स्थापित कर स्वावलंबी बनाने हेतु “जनजाति विकास मंच, धार” एवं “मांडव लोक कला संस्कृति संस्था” के संयुक्त प्रयास से मांडव भगोरिया को मॉडल बनाते हुए “भगोरिया नृत्य प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया.
क्षेत्र के 26 ढोल (मांदल) प्रमुखों के साथ बैठक कर योजना बनाई गई. प्रतियोगिता हेतु १. पारंपरिक नृत्य २. गायन ३. वाद्य ४. वादन ५. वेशभूषा ६. आभूषण ७. प्रतीक चिन्ह को आधार मानकर तैयारी की गई.
12 मार्च को भगोरिया उत्सव में मंच लगाकर प्रमुख समाजजनों को निर्णायक बनाया. प्रतियोगिता में “40 गांव के 46 दलों” ने मंच के सामने प्रस्तुति दी.