रोहतक (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरियाणा प्रांत प्रचारक विजय कुमार ने कहा कि समाज में समानता तभी आती है, जब हम एक-दूसरे के प्रति मदद का हाथ बढ़ाते हैं. कोरोना संकट के दौर में भारत के लोगों ने एक-दूसरे की मदद के लिए दिल खोल कर मदद की, जो लोग व्यक्तिगत जीवन जीने में विश्वास रखते थे उन्होंने भी जरुरतमंदों की मदद के लिए अपने दरवाजे खोल दिए. यही भारत की संस्कृति है. पहले भारत में यही व्यवस्था थी, इसलिए भारत विश्व गुरु था. नियति भारत को फिर से इसी दिशा में ले जाने का प्रयास कर रही है. इसलिए भारत फिर से विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर है.
विजय कुमार जींद में सेवा भारती द्वारा बनाए जा रहे स्व. पवन कुमार बंसल शिक्षा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र के शिलान्यास समारोह को सम्बोधित कर रहे थे. प्रांत प्रचारक विजय कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हर व्यक्ति एक-दूसरे की सेवा करने को अग्रसर था. आपदा के दौर ने मानव को देवता बना दिया. कोरोना काल में भारत 150 देशों का प्रतिनिधित्व कर विश्वपटल पर अपना परिचय दे रहा है. जबकि चीन ने आपदा के अवसर पर भी दूसरे देशों की सेवा करने की बजाय उनसे लाभ कमाने का प्रयास किया. हमारी संस्कृति व पाश्चात्य संस्कृति में यही अंतर है.
उन्होंने कहा कि अपने पूर्वजों के पदचिन्हों पर चलना और उनके संस्कारों को प्रतिरुप देना ही भारतीय संस्कृति की पहचान है. इसी कार्य को पूर्णरुप दिया जा रहा है. बंसल परिवार इस भूमि पर एकता व संस्कारों का परिचय करवाते हुए यहां शिक्षा व फिजियोथेरेपी की शुरुआत कर रहा है. सेवा भारती का कार्य हमेशा नर से नारायण की पद्धति का रहा है. मानवता भलाई के कार्य में सेवा भारती हमेशा आगे रहता है.
स्वामी अमृतानन्द महाराज ने कहा कि निरोगी काया, गांठ में माया हमेशा भविष्य में कामयाबी की ओर लेकर जाते हैं. श्रवण कुमार गोयल ने कहा कि मेरा गांव मेरा तीर्थ के अंतर्गत प्राचीन परम्पराओं से लोगों को जोड़ा जा रहा है. जिससे हमारे सामाजिक संस्कार जुड़े रहें. हर्षवर्धन बंसल ने कहा कि उनके पिता स्व. पवन कुमार बंसल शिक्षा देते हुए कहा करते थे – मेहनत, ईमानदारी और इच्छाशक्ति हमेशा नए अवसर और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं. कार्यक्रम में सेवा भारती के प्रांत उपाध्यक्ष स्वामी अमृतानन्द महाराज, सेवा भारती के राष्ट्रीय महामंत्री श्रवण कुमार गोयल, वेदप्रकाश बंसल, यूनिटी ग्रुप के चेयरमैन रोशन लाल अग्रवाल, सह संस्थापक हर्षवर्धन बंसल भी मौजूद रहे.