सेवा भारती दिल्ली द्वारा अगस्त में परीक्षा के आधार पर किया जाएगा चयन
नई दिल्ली. सेवा भारती ने दिल्ली की झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले मेधावी छात्रों के लिये योजना शुरू की है. सेवा भारती ने झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले मेधावी छात्रों को सिविल सर्विसेज की कोचिंग देने की पहल की है ताकि गरीब बच्चे भी अच्छी तैयारी कर आईएएस-आईपीएस बन सकें. सेवा भारती ने 12वीं पास करने वाले ऐसे बच्चों से आवेदन मांगे हैं. आवेदन के बाद अगस्त में प्रवेश परीक्षा होगी, जिसमें चुने जाने वाले बच्चों को प्रमुख कोचिंग संस्थानों में दाखिला मिलेगा.
सेवा भारती दिल्ली प्रांत के महामंत्री डॉ. रामकुमार ने बताया कि शुरूआत में प्रयोग के रूप में 50 मेधावी छात्रों को कोचिंग दिलाने की योजना बनाई गई है. प्रयोग सफल रहने के बाद आगे और प्रतियोगी छात्रों को कोचिंग योजना से जोड़ा जाएगा. गूगल फॉर्म भरकर छात्र आवेदन कर सकते हैं. उन्हीं बच्चों को मौका मिलेगा, जिनके अंदर प्रशासनिक सेवाओं में जाने की दृढ़ इच्छाशक्ति होगी.
फीस के विषय पर डॉ. रामकुमार ने कहा, कि तमाम कोचिंग संस्थान डेढ़ से दो लाख रुपये लेते हैं. ऐसे में सेवा भारती की ओर से कुछ मामूली सी फीस तय की जाएगी. लेकिन जो गरीब प्रतियोगी छात्र मामूली धनराशि भी देने में सक्षम नहीं होंगे तो उनके लिए हम डोनर (दाता) तलाशेंगे. कोचिंग के लिए मामूली धनराशि इसलिए तय करने का निर्णय हुआ है, ताकि विद्यार्थियों को लगे कि वह खुद पैसे देकर पढ़ाई कर रहे हैं. पैसे के अभाव में कोई मेधावी बच्चा इस सुविधा से वंचित नहीं होगा. प्रवेश परीक्षा में सफल सभी विद्यार्थियों को कोचिंग मिलेगी.
सेवा भारती के अनुसार उचित संख्या में इंटरमीडिएट पास विद्यार्थियों के आवेदन आने के बाद उनकी प्रवेश परीक्षा आयोजित होगी. जिससे यह पता लगाया जाएगा कि संबंधित विद्यार्थी में प्रतियोगी परीक्षाओं लायक गंभीरता और इच्छाशक्ति है या नहीं, उसके आधार पर उन्हें चुना जाएगा. फिर कोचिंग संस्थानों में प्रवेश दिलाकर उन्हें प्रशासनिक सेवाओं में जाने के लिए सिविल सर्विसेज की कोचिंग दिलाई जाएगी.