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संघ गीतों को नए सुर-ताल से सजाएंगे शंकर महादेवन

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नई दिल्ली, 10 जून।

सुप्रसिद्ध गायक पद्मश्री शंकर महादेवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गीतों को नए सुर-ताल के साथ प्रस्तुत करेंगे। संघ के शताब्दी वर्ष अर्थात् 100 वर्ष पूरे होने पर उनकी तरफ से स्वयंसेवकों को अनूठा उपहार होगा। दिल्ली में आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह (तानसेन का ताना बाना) में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी साझा की।

तानसेन के जीवन पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण करते हुए नितिन गडकरी ने बताया कि जीवन में संगीत का अत्यंत असाधारण महत्व है। संघ से जुड़ाव के दौरान उन्हें अनेक भाव-विभोर कर देने वाले देशभक्ति के गीतों ने प्रेरित किया था। संघ के दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर उपाख्य श्रीगुरू जी के निधन के पश्चात मासिक श्राद्ध में जो गीत गाया गया – तो उस समय सभागार में ऐसा कोई नहीं था, जिसकी आंखों से आसूं की धारा न बह निकली हो।

संघ स्वयंसेवकों के लिए डॉ. हेडगेवार और श्रीगुरू जी से लेकर देशभक्ति पूर्ण गीत किसने लिखे, यह एक इतिहास है, जिसकी खोज करनी चाहिए। ऐसे ही अनेक गीतों को नए सुर और ताल के साथ नई पीढ़ी के सामने प्रस्तुत करने के लिए सुप्रसिद्ध संगीतकार शंकर महादेवन से आग्रह किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। संघ के 100वें वर्ष में स्वयंसेवक उन्हीं प्रेरक गीतों को नए संगीत के साथ सुनेंगे।

शंकर महादेवन विजयादश्मी उत्सव नागपुर (24 अक्तूबर, 2023) में प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में उन्होंने कहा था – ‘जब मैं स्वयंसेवकों को देखता हूँ, वो देश में कोई भी घटना हो, कोई भी प्रॉब्लम हो, जब जरूरत है वो चुपचाप अपने देश के लिए काम करते हैं। अगर हम कहेंगे कि हमारा देश एक गीत है तो स्वयंसेवक उसके पीछे की सरगम हैं। जो गीत को जान देते हैं।’

देश को गीत और स्वयंसेवकों को उसकी सरगम बताने वाले शंकर महादेवन संघ के उन गीतों को नए सुर में प्रस्तुत करने वाले हैं, जिनसे स्वयंसेवकों के मन के तार झंकृत हो उठते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा सहित अन्य आयोजनों में एकल गीत से लेकर सामूहिक गीतों का अत्यंत महत्व है। संघ में गीत रचना और गीतकारों के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी अनेक संघ गीतों की रचना की थी, जिसमें ‘कदम मिलाकर चलना होगा’ और ‘हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन, रग रग हिन्दू मेरा परिचय’ जैसे गीत जन जन की जुबान तक पहुंचे। मराठी के सुप्रसिद्ध गायक सुधीर फड़के ने भी संघ के लिए अनेक गीतों की रचना की और उसे सुर दिया। संघ गीत की पुस्तकें देखें तो उसमें सैकड़ों ऐसे गीत मिलेंगे जो देश और समाज के लिए जीने और कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देते हैं।

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