सुन्दरकाण्ड, व्याख्यानमाला, कृषक परिचर्चा, दीप यज्ञ, भजन संध्या, पुष्पांजलि एवं खीर प्रसाद का वितरण
नानाजी के स्वावलंबन मॉडल को शीघ्र ही पूरे बुंदेलखंड में लागू करेंगे – योगी आदित्यनाथ
चित्रकूट. भारत रत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख का जीवन ही त्याग और प्रेरणा का एक पूरा अध्याय है. एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने सबको अपना बनाया, जिसका सम्मान विरोधी भी उतना ही करते थे जितना खुद उनके अपने संगठन और विचार परिवार के लोग. समाज के प्रेरणा पुंज नानाजी की न जाने कितनी कहानियां-किस्से हैं, जिन्हें सुनकर इस व्यक्तित्व की सादगी सरलता का प्रमाण मिलता है. वैभव को त्यागकर समाज को प्रेरणा देने का काम नानाजी देशमुख ने किया है. समाज और देश की सेवा करने वाले व्यक्ति पूज्य हो जाते हैं. नानाजी ने अपने कार्यों से देश के सामने अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है.
नानाजी की जयंती अवसर पर आयोजित कार्यक्रम
आरोग्यधाम परिसर, तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां, उद्यमिता विद्यापीठ परिसर में सुंदरकांड का आयोजन एवं सुरेंद्रपॉल ग्रामोदय विद्यालय व जन शिक्षण संस्थान में नानाजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर व्याख्यानमाला का आयोजन, कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां में नानाजी के जीवन पर आधारित कृषक परिचर्चा का आयोजन तथा रामनाथ आश्रम शाला एवं कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां द्वारा बड़े हनुमान मंदिर मझगवां में भजन संध्या का आयोजन किया गया.
इसके अलावा दीनदयाल शोध संस्थान के सभी स्वावलंबन ग्रामीण केंद्रों की लगभग 600 ग्राम आबादियों में नानाजी की 104वीं जयंती को ग्रामीणों ने सभी कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सादगी एवं उत्साह से मनाया. चित्रकूट क्षेत्र के कई ग्रामों में सुंदरकांड पाठ, दीप यज्ञ के आयोजन के साथ खीर का वितरण भी हुआ.
सियाराम कुटीर में दी गई श्रद्धांजलि
नानाजी के आवास सियाराम कुटीर में सुबह से ही दूर-दराज के क्षेत्रों से नानाजी के प्रति आस्था रखने वाले लोगों का तांता लगने लगा था, सबने नानाजी के कक्ष में पहुंचकर उनको नमन करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की. प्रतिवर्ष नानाजी के जन्मदिवस पर चित्रकूट में तीन दिवसीय सांस्कृतिक संध्या शरद उत्सव का आयोजन होता रहा है, लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते आयोजक मंडल ने बड़ी संख्या का यह सामूहिक वृहद आयोजन स्थगित कर दिया था, इसकी जगह अलग-अलग स्थानों पर नानाजी का जन्म दिवस सादगी पूर्ण मनाया गया. बांदा-चित्रकूट सांसद आर के सिंह पटेल, सतना सांसद गणेश सिंह एवं दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन एवं प्रबंध मंडल के सदस्य बसंत पंडित ने भी चित्रकूट आकर सियाराम कुटीर में नानाजी को श्रद्धांजलि दी. चित्रकूट के सभी प्रमुख संत महात्माओं ने भी सियाराम कुटीर पहुंचकर नानाजी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनके साथ बिताए पलों को भी याद किए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दी श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल्मीकि आश्रम लालापुर में अल्प प्रवास के दौरान दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव से टेलीफोन पर चर्चा करके चित्रकूट न आ पाने का खेद व्यक्त किया.उन्होंने नानाजी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गोरखपुर में नानाजी से मुलाकात और अतीत की चिर स्मृतियों का स्मरण किया तथा कहा कि अगले प्रवास पर वह विस्तृत कार्यक्रम के साथ चित्रकूट आएंगे.
बाल्मीकि आश्रम लालापुर में अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज एक नहीं दो-दो ऋषियों का जयंती पर्व है, महर्षि बाल्मीकि और भारत रत्न नानाजी देशमुख. हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो आत्मनिर्भर भारत का सपना देखा है, उसे नानाजी ने व्यावहारिक रूप में अपने स्वावलंबन मॉडल के अंतर्गत करके दिखाया है. हम भी उत्तर प्रदेश में नानाजी के स्वावलंबन मॉडल की शुरुआत करेंगे.
उन्होंने कहा कि नानाजी द्वारा प्रदत्त स्वावलंबन के मॉडल को बुंदेलखंड के प्रत्येक गांव में अपनाने की जरूरत है, उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि शीघ्र ही इसकी कार्य योजना तैयार करें, हम इस मॉडल को शीघ्र ही पूरे बुंदेलखंड में भी लागू करेंगे. भाषण से पूर्व योगी जी एवं मंचासीन सभी अतिथियों ने नानाजी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.