भोपाल. शिक्षा महाकुंभ में अधिकतम जन सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रांत व जिले में विभिन्न शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, उद्योगपति और राजनीतिज्ञों सहित अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को निमंत्रण देने का कार्य प्रगति पर है. शिक्षा महाकुंभ के पदाधिकारियों ने मंगलवार को विद्याभारती मध्यक्षेत्र के कार्यालय अक्षरा में आयोजित पत्रकार वार्ता में मीडिया के बंधुओं को शिक्षा महाकुंभ की जानकारी दी.
राष्ट्रीय समन्वयक संयोग दत्त ने पत्रकारों को बताया कि विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाला देश का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है. विद्या भारती की पंजाब प्रांत की इकाई सर्वहितकारी शिक्षा समिति संवेदनशील सीमावर्ती प्रांत में राष्ट्र विरोधी शक्तियों, धर्मांतरण और नशे के विरुद्ध शिक्षा को हथियार बनाकर उन्हें पराजित करने के लक्ष्य से लेकर संघर्ष कर रही है. विद्या भारती न सिर्फ अपने स्कूलों में राष्ट्रीय विचारों से ओतप्रोत शिक्षा प्रदान कर रही, अपितु समयानुकूल देश के एक बड़े वर्ग को शिक्षा प्रदान कर पवित्र कार्य कर रही है. संस्कार केंद्रों के माध्यम से सर्वहितकारी शिक्षा समिति जैसी प्रांतिक इकाइयां निर्धन पिछड़े हुए झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले हजारों बालक-बालिकाओं को संस्कार युक्त कर देश की मुख्यधारा से जोड़े रखने के लिए हर पल प्रयासरत है.
शिक्षा महाकुंभ के राष्ट्रीय समन्वयक संयोग दत्त ने बताया कि मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव एवं प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपति व अन्य गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण देने के लिए उनके साथ शिक्षा महाकुंभ के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक डॉ. अमित कांसल सहित भोपाल और इंदौर के प्रवास पर हैं. राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं प्रदान कीं हैं.
डॉ. अमित कांसल ने बताया कि शिक्षा महाकुंभ प्रतिभाशाली छात्रों और शिक्षकों को एक सार्थक मंच प्रदान करेगा. इसके माध्यम से अपनी कला और विद्वता का प्रदर्शन कर पाएंगे. यह हमारी शिक्षा और शिक्षकों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए सहायक सिद्ध होगा. नई तकनीक के विकास, भूमंडलीकरण और वैश्विक परिदृश्य के लगातार परिवर्तित होने के कारण शिक्षा में भी युगानुकूल परिवर्तन लाने की आवश्यकता रहती है. इसीलिए नई शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन भारत सरकार द्वारा यथासंभव किया जा रहा है. शिक्षा महाकुंभ के माध्यम से शिक्षा नीति का प्रचार-प्रसार भी होगा और उसे सही ढंग से लागू करने के लिए सार्थक वातावरण का निर्माण होगा.
क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. हितल पटेल ने बताया कि भारतीय संस्कृति में कुंभ का अपना एक विशेष महत्व है. प्राचीन काल से चली आ रही कुंभ की पद्धति को शिक्षा कुंभ के रूप में एक वार्षिक महोत्सव बनाने का प्रयास शिक्षा महाकुंभ-2023 के श्री गणेश द्वारा किया जा रहा है. वर्तमान परिस्थितियों में हमें विद्यालय, शिक्षक तथा समाज के रूप में स्वयं को तैयार करने की अवश्यकता है. आशा है जालंधर में स्थित एनआईटी में 9 से 11 जून तक होने वाला शिक्षा महाकुंभ व्यापक जन सहभागिता से अत्यंत उपयोगी रहेगा.
इस महाकुंभ में पूरे देश से 5-6 लाख शिक्षक, अभिभावक, शिक्षार्थी, उद्योगपति, वैज्ञानिक आदि ऑनलाइन एवं 15000 के लगभग ऑफ़्लाइन माध्यम से भाग लेंगे.
शिक्षा महाकुंभ में कोई भी व्यक्ति और संस्थान भाग या सहयोग कर सकते हैं. शिक्षा महाकुंभ के 22 विषयों पर शोध पत्र लिखकर लेखक के रूप में भाग ले सकते हैं. दर्शक के नाते महाकुंभ में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं, प्रतिभागी के नाते इसमें भाग ले सकते हैं. रजिस्ट्रेशन और किसी भी प्रकार का सहयोग के लिए वेबसाइट www.rase.co.in माध्यम से संपर्क किया जा सकता है.