शिमला, हिमाचल प्रदेश.
शिमला मस्जिद विवाद के बाद अब बाहरी राज्यों से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों के आधार कार्ड को लेकर नया विवाद खड़ा हो रहा है. जिले के गुम्मा बाजार में बाहरी राज्यों से आए मुस्लिम समुदाय के 86 व्यापारियों में से 46 के आधार कार्ड पर जन्मतिथि एक जनवरी ही है, जो संदिग्ध प्रतीत हो रही है. सभी के आधार पर जन्मतिथि एक जनवरी है. इसे देखते हुए गुम्मा व्यापार मंडल ने जांच की मांग करते हुए कोटखाई पुलिस थाने में मामले की शिकायत दी है. कोटखाई व्यापार मंडल ने भी पुलिस को लिखित शिकायत पत्र देकर बाहरी राज्यों से आए लोगों के दस्तावेजों के निरीक्षण की मांग की है.
व्यापार मंडल गुम्मा के प्रधान देविंद्र सिंह ने बताया कि गुम्मा में बाहरी राज्यों से विशेष समुदाय के 86 व्यापारी हैं, जिनके व्यापार मंडल ने आधार कार्ड एकत्रित किए हैं. इनमें से 46 व्यापारी ऐसे हैं, जिनकी जन्मतिथि आधार कार्ड पर एक जनवरी है. इस संदर्भ में पुलिस थाने में शिकायत दी गई है. व्यापार मंडल ने मांग की है कि आधार कार्ड की सच्चाई की जांच की जाए. बाहरी राज्यों से आए व्यापारी अपनी दुकान चलाने से पहले बोनाफाइड सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र और मतदाता पहचान पत्र व्यापार मंडल और पुलिस थाने में जमा करवाएं. जब तक सभी दस्तावेज सत्यापित नहीं होते, तब तक बाहरी राज्यों के व्यापारियों को दुकानें चलाने की अनुमति न दी जाए.
कोटखाई व्यापार मंडल के प्रधान मदन गांगटा, उपप्रधान प्रदीप घाल्टा और सचिव ज्ञान चंद ने बताया कि बाहरी राज्यों से आए लोग जो क्षेत्र में दुकानें चलाने और फेरी का कार्य करते हैं, उनके दस्तावेजों का निरीक्षण अनिवार्य है. इस संदर्भ में व्यापार मंडल कोटखाई ने पुलिस को लिखित शिकायत पत्र सौंपा है. इस संदर्भ में कोटखाई पुलिस थाना के प्रभारी अंकुश ठाकुर ने बताया कि व्यापार मंडलों की ओर से शिकायत पत्र पुलिस को मिले हैं. मामले की जांच कर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
गुम्मा व्यापार मंडल के प्रधान देवेंद्र सिंह ने कहा कि ज्यादातर प्रवासी कारोबारी उत्तर प्रदेश के हैं. संभव है कि अधेड़ लोगों को अपनी जन्मतिथि याद ना हो तो जन्मतिथि एक जनवरी लिखी हो. लेकिन 2001 से 2009 के बीच जन्मे मुस्लिम युवाओं को भी अपनी जन्मतिथि याद नहीं, यह संभव नहीं है. इससे शक गहरा जाता है.