नई दिल्ली. कलकत्ता उच्च न्यायालय से ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका लगा है. उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की घटनाओं की जांच अदालत की निगरानी में सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है. सीबीआई हत्या और रेप के मामलों की भी जांच करेगी. इसके अलावा न्यायालय ने अन्य मामलों की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दिया है.
इससे पहले मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) अध्यक्ष को चुनाव के बाद हिंसा के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी ठहराया था और उसने बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी. कहा था कि मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर की जानी चाहिए.
एनएचआरसी समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि अन्य मामलों की जांच अदालत की निगरानी वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा की जानी चाहिए और न्यायिक निर्णय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट, विशेष लोक अभियोजक और गवाह सुरक्षा योजना होनी चाहिए.
उच्च न्यायालय ने हिंसा की निष्पक्ष जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर पीठ ने फैसला सुनाया. आदेश के तहत अस्वाभाविक मृत्यु, हत्या और रेप सहित अन्य अधिक महत्व के अपराध के मामलों की जांच सीबीआई करेगी. कम महत्वपूर्ण मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय SIT का गठन किया गया है.
ईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमेन मित्रा और रणबीर कुमार के नेतृत्व में यह SIT गठित होगी. इसमें पश्चिम बंगाल काडर के सीनियर अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा. जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को देगी. सीबीआई और एसआईटी की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में होगी.
उच्च न्यायालय ने सीबीआई को 6 सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.