उज्जैन. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान से पूर्व जनजागरण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में गीता जयंती के अवसर पर 25 दिसंबर को उज्जैन के बेगमबाग क्षेत्र में आयोजित वाहन रैली पर विधर्मियों ने पथराव कर दिया. घटना में 9 रामभक्त घायल हो गए और पूरे शहर में तनाव पैदा हो गया था. इस घटना से व्यथित उज्जैन की 95 वर्षीय बुजुर्ग महिला कामेरी देवी ने कुत्सित प्रयास का अनूठे ढंग से जवाब दिया. उन्होंने हमले में घायल रामभक्तों व अभियान में लगे कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए जीवनभर पाई-पाई कमाकर जोड़े गए धन में से एक लाख रुपये श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दान कर दिए. दान देने के लिए उन्होंने पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य श्री अतुलेशानंद जी को अपने घर आमंत्रित किया और एक लाख रुपये का चेक उन्हें सौंपा.
महामंडलेश्वर सामान्यत: इस तरह दान लेने किसी के घर नहीं जाते, किंतु कामेरी देवी का सनातन धर्म के प्रति समर्पण देखकर आचार्य उनके घर पहुंचे और चेक से दान स्वीकार किया.
…..बस राम ही सहारा
उज्जैन में कोयला फाटक क्षेत्र की मूंदड़ा कालोनी निवासी कामेरी देवी के पति का वर्षों पहले देहावसान पहले हो गया था. उन्होंने अपना पूरा जीवन किराने की एक छोटी सी दुकान के सहारे काटा. बुजुर्ग हुई तो दुकान भी बंद करना पड़ी. इस दुकान से जीवन में जो पैसा एकत्रित हुआ, इसी में से उन्होंने श्रीराम मंदिर के लिए एक लाख रुपये का दान दिया. इन दिनों वे अपने भांजे ओमप्रकाश खंडेलवाल के साथ रह रही हैं. कामेरी देवी के भतीजे प्रकाश रावत बताते हैं – ‘काकी सदैव स्वाभिमानी और रामभक्त रहीं.’
कामेरी देवी खंडेलवाल ने बताया कि यह मेरा सौभाग्य है कि जीते जी अयोध्या जी में भगवान श्रीराम का मंदिर बनते देख पा रही हूं. इसमें गिलहरी जैसा योगदान देकर मैं धन्य हो गई. अगले वर्ष जीवित रही तो फिर दान दूंगी.
उज्जैन के पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य श्री अतुलेशानंद जी महाराज ने बताया कि बुजुर्ग अम्मा के आग्रह पर हमने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए उनके घर जाकर दान स्वीकारा. भारतीय संस्कृति कहती है कि दान को दानी के पास जाकर स्वीकारना चाहिए. बुजुर्ग अम्मा की आस्था अद्भुत है. ऐसे ही भक्तों से सनातन धर्म की ध्वजा फहराती रहती है.
साभार – दैनिक जागरण