नई दिल्ली. पाकिस्तान के दुरुद्वारों ने दर्शन कर लौटे सिक्ख श्रद्धालुओं के जत्थे में से 200 श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. वैशाखी पर पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब, पंजा साहिब, गुरुद्वारा सहित अन्य गुरुद्वारों में माथा टेकने के लिए 816 श्रद्धालुओं का जत्था गया था. गुरुवार को लौटे श्रद्धालुओं में से 200 श्रद्धालु कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
अमृतसर के पास अटारी सीमा से भारत लौटने पर उनका कोरोना वायरस टेस्ट हुआ है. जिसमें करीब 200 श्रद्धालु पॉजिटिव पाए गए हैं. अमृतसर के सिविल सर्जन चरणजीत सिंह के अनुसार 816 में से 200 श्रद्धालुओं में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. उन्होंने मीडिया को बताया कि कुछ श्रद्धालुओं ने संक्रमण की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बहस भी की थी. श्रद्धालुओं ने संक्रमण की पुष्टि होने के बाद रिपोर्ट यह कहते हुए फाड़ दी कि पाकिस्तान जाने से पहले उनकी जांच रिपोर्ट ठीक आई थी. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी संक्रमितों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने वैशाखी के मौके पर 1,100 सिक्ख तीर्थयात्रियों को वीजा जारी किया था. जिसके बाद पाकिस्तान जाने से पहले कोविड-19 नेगेटिव पाए गए लोगों को ही अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट को पार करने की अनुमति दी गई थी. उन्हें पाकिस्तान द्वारा 10 दिन का वीजा दिया गया था और 14 अप्रैल को हसन अब्दाल के गुरुद्वारा पंजा साहिब में मुख्य समारोह में भाग लेने के अलावा अन्य सिक्ख तीर्थस्थलों पर जाने की अनुमति दी गई थी. चरणजीत सिंह ने बताया कि जिन श्रद्धालुओं में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उन्हें घरों में आइसोलेशन में रहने के लिए कहा गया है क्योंकि इस प्रकार के मरीजों को सरकारी स्तर पर कोई विशेष प्रतिष्ठान संचालित नहीं है. इसके अलावा एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि अगर उनमें से किसी श्रद्धालु को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत महसूस हुई, तो उसे एसजीपीसी द्वारा संचालित अस्पताल में निःशुल्क उपचार मुहैया कराया जाएगा.