जम्मू कश्मीर. आतंकियों और अलगाववादियों के पारिस्थितिक तंत्र पर लगातार चोट कर रही जांच एजेंसी (एसआइए) ने श्रीनगर जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित जमात-ए इस्लामी की 3 संपत्तियों को कुर्क किया है. इसमें सैयद अली शाह गिलानी के नाम पर दर्ज श्रीनगर के बारजुल्ला में 17 मरला की मालिकाना भूमि पर निर्मित दो मंजिला आवासीय संरचनाएं शामिल हैं. श्रीनगर के बारजुल्ला में स्थित संपत्ति प्रतिबंधित संगठन जमात के नाम पर थी, जिसे अलगाववादी नेता Late. सैयद अली शाह गिलानी के नाम पर खरीदा गया था. संगठन पर कार्रवाई राज्य जांच एजेंसी की एफआईआर और जांच के आधार पर की गई है. राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) द्वारा कुर्की आवेदन दायर किए जाने के बाद जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर द्वारा संपत्ति कुर्क करने की अनुमति दी गई.
19 दिसंबर को जारी आदेश में डीएम ने स्टेट इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (SIA) के पत्र संख्या SIA/SN/FIR -17/2019/7738-42 दिनांक 16-12-2022 का हवाला देते हुए कहा कि मामले की जांच के दौरान FIR नं. 17/2019 U/S10, 11, 13 P/S बटमालू के यूए (पी) अधिनियम की पी/एस SIA द्वारा जांच की जा रही है. इन जाँच में 3 संपत्तियां सामने आई हैं जो प्रतिबंधित संगठन जमात-ए के स्वामित्व में हैं या उसके कब्जे में हैं. जिला श्रीनगर के अधिकार क्षेत्र में स्थित हैं और धारा 8 यूए (पी) अधिनियम के संदर्भ में अधिसूचित हैं. जिले के डीएम ने 19 दिसंबर को जारी अपने आदेश में कहा कि उन्होंने जिन संपत्तियों को सील किया है, उनको राजस्व विभाग से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही किया है.
जमात-ए- इस्लामी आतंकवाद और अलगाववाद की जननी
जमात-ए- इस्लामी को जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद की जननी है. शायद ही कश्मीर में कोई ऐसा आतंकी संगठन या अलगाववादी संगठन होगा, जिसका काडर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जमात से न जुड़ा हो. आतंकियों के सबसे बड़े संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का 99 प्रतिशत काडर जमात-ए-इस्लामी की पृष्ठभूमि से ही निकला है. हिजबुल का कमांडर मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सल्लाहुदीन भी जमात का ही काडर रहा है. सैयद अली शाह गिलानी, मोहम्मद अशरफ सहराई, अल्ताफ फंतोश, प्रो अब्दुन गनी बट, शेख अजीज, शब्बीर शाह, बिट्टा कराटे, हमीद शेख, गुलाम नबी सुमजी, सैयदुल्ला तांत्रे सहित सभी दिग्गज अलगाववादी और आतंकी कमांडर किसी न किसी समय पर जमात के कार्यकर्ता रहे हैं.