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आतंकियों का समर्थन और सरकारी नौकरी साथ-साथ नहीं…6 कर्मी बर्खास्त

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जम्मू कश्मीर. आतंकी संगठनों व आतंकियों से संबंध रखने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ जम्मू कश्मीर प्रशासन सख्त हो गया है. प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे कर्मचारियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी.

जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक बार फिर 6 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्‍त कर दिया. कर्मचारियों पर आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने और उनके लिए ओवरग्राउंड वर्कर्स के रूप में काम करने का आरोप है. बर्खास्त कर्मियों में जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस के दो सिपाही भी शामिल हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उप-राज्‍यपाल की तरफ से एक कमेटी का गठन किया गया है, कमेटी की सिफारिश पर यह कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले जुलाई में भी 11 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया था. इसमें हिजबुल कमांडर सैयद सलाहुद्दीन का बेटा भी था. दो पुलिसकर्मी भी बर्खास्‍त किए गए थे. इन सब पर आरोप था कि ये आतंकी संगठनों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर्स के रूप में काम कर रहे थे.

देशद्रोहियों का समर्थन करने पर जाएगी नौकरी

कुछ समय पहले जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन ने आदेश जारी किया था कि देशद्रोहियों का समर्थन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा. देश की संप्रभुता, संविधान और राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाले तत्‍वों का समर्थन करने पर सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा. आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी रूप में खतरा साबित होता है या फिर विदेशी हितों के लिए काम करते हुए पाया जाता है तो उसे नौकरी से बर्खास्‍त कर दिया जाएगा.

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