जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक शाखा क्षेत्र में सामाजिक सर्वेक्षण करेंगे. सर्वेक्षण के आधार पर समाज को साथ जोड़कर समस्याओं का समाधान करेंगे. ऐसे प्रयोग देश भर में शुरू हुए हैं. राजस्थान में भी ऐसे ही कुछ प्रयोगों की शुरुआत हुई है.
वह अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में वार्षिक प्रतिवेदन, प्रस्ताव और वक्तव्य के बारे में बुधवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. बताया कि बैठक में पारित प्रस्ताव में इस बात पर चिंता जताई कि विश्व की कुछ शक्तियां भारत के ‘स्व’ आधारित पुनरुत्थान को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं. हिन्दुत्व के विचार का विरोध करने वाली देश के भीतर और बाहर की अनेक शक्तियां निहित स्वार्थों और भेदों को उभार कर समाज में परस्पर अविश्वास, तंत्र के प्रति अनास्था और अराजकता पैदा करने के लिए षड्यंत्र रच रही हैं. हमें सतर्क रहते हुए उनके मंतव्यों को विफल करना होगा. प्रस्ताव में कहा गया कि विदेशी आक्रमणों तथा संघर्ष के काल में भारतीय जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ तथा सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व धार्मिक व्यवस्थाओं को गहरी चोट पहुंची. इन सबके बावजूद लक्ष्य को लेकर भारत के ‘स्व’ की सुदीर्घ यात्रा प्रेरणास्पद रही है.
क्षेत्र संघचालक ने बताया कि बैठक में प्रस्ताव के अतिरिक्त महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्म जयंती, छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्यारोहण के 350वें वर्ष और महावीर स्वामी के निर्वाण के 2550वें वर्ष पूर्ण होने पर तीन वक्तव्य भी जारी किये गए.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष राजस्थान में 11 संघ शिक्षा वर्ग लगेंगे, इनमें विभिन्न आयु वर्ग के करीब तीन हजार स्वयंसेवक प्रशिक्षण लेंगे.
संघ कार्य जो बन रहे उदाहरण
जयपुर… सांगानेर महानगर के गोवर्धन प्रौढ़ व्यवसायी शाखा द्वारा किये गये सामाजिक अध्ययन में शाखा क्षेत्र में पाई गई समस्या का समाधान करने का प्रयास हुआ. बस्ती में सीवरेज लाइन न होने से गन्दगी भी रहती थी. और आये दिन झगड़े भी होते थे. शाखा स्वयंसेवकों की अगुवाई में लगभग 12 किलोमीटर लंबी सीवरेज लाइन डलवाने का कार्य लोक सहयोग के माध्यम से मात्र दो करोड़ रुपयों (सरकारी अनुमानित खर्च 12 करोड़ रुपये) की लागत से सफलतापूर्वक किया गया.
जोधपुर… जोधपुर महानगर के महामन्दिर नगर की एक व्यवसायी शाखा (परमवीर मेजर शैतान सिंह शाखा) ने अपनी बस्ती का सामाजिक अध्ययन कर दो हिन्दू जातियों के बीच आये दिन झगड़े होने की समस्या को सुलझाने का प्रयास किया. शाखा ने दोनों पक्षों को समझा कर झगड़ा शान्त भी किया और आज वर्तमान में आपसी सामंजस्य से बस्ती का विकास कार्य चल रहा है.