करंट टॉपिक्स

प्रकृति जब संस्कृति से जुड़ जाती है तो वह धर्म का मार्ग बन जाती है

मुंबई। अप्रैल 1965 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने पहली बार रुइया कॉलेज में 'एकात्म मानवदर्शन' और 'अंत्योदय' के विचार प्रस्तुत किए थे। उसी दिन,...

आतंकी घटना भयावह, आतंक के खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए – सुनील आंबेकर जी

मुंबई, 24 अप्रैल। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अप्रैल 1965 में पहली बार रुइया कॉलेज में 'एकात्म मानवदर्शन' और 'अंत्योदय' का विचार प्रस्तुत किया था। उसी...

देश की एकता सदियों से प्रकट होती रही है – डॉ. कृष्णगोपाल जी

मुंबई। अप्रैल 1965 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पहली बार रुइया कॉलेज में 'एकात्म मानवदर्शन' और 'अंत्योदय' के विचार प्रस्तुत किये। उसी दिन, 60 वर्ष...

जनसंख्यकीय असंतुलन और भारतीयता का भविष्य – 2

जयराम शुक्ल स्वतंत्रता प्राप्ति के पाँच वर्ष पश्चात ही एकात्ममानव दर्शन के प्रणेता और अन्त्योदय के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने चेताया था कि निकट...

आधुनिकता में अपनी पुरातन संस्कृति और जड़ों को न भूलें – एरिक सोल्हेन

चित्रकूट. संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य नो पावर्टी, अच्छा स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर पर दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित द्वितीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का...

चित्रकूट – पं. दीनदयाल उपाध्याय जी को 55वीं पुण्यतिथि पर दीनदयाल शोध संस्थान में दी गई श्रद्धांजलि

चित्रकूट. दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की 55वीं पुण्यतिथि पर दीनदयाल पार्क उद्यमिता विद्यापीठ चित्रकूट में कार्यक्रम आयोजित किया. प्रातःकाल से ही...

सबके सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्वगुरु बन दुनिया का नेतृत्व करेगा – दत्तात्रेय होसबाले जी

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि हम राइट विंग भी नहीं और लेफ्ट विंग भी नहीं है. हम नेशनलिस्ट...

भारतीय तत्वज्ञान में ही मिलेगा सच्चा सुख – दत्तात्रेय होसबाळे जी

पुणे (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाळे जी ने कहा कि "हमारे दैनंदिन व्यवहार की हर बात (काम) सरकार करे, ऐसी सोच भारतीय...

भारतीय अवधारणाओं का सटीक अर्थ देने वाले शब्दकोश का विमोचन 11 नंवबर को

पुणे. भारतीय संकल्पनाओं के सटीक अर्थ की व्याख्या करने वाले 'एकात्म मानव दर्शन - ग्लोसरी ऑफ कांसेप्ट्स' विशेष कोश का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के...

सत्य, करुणा, शुचिता और परिश्रम सभी भारतीय धर्मों के मूलभूत गुण – मोहन भागवत जी

भोपाल. प्रज्ञा प्रवाह की अखिल भारतीय चिंतन बैठक रविवार (17 अप्रैल) को भोपाल में संपन्न हुई. दो दिवसीय चिंतन बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत...