करंट टॉपिक्स

पुस्तक समीक्षा – ‘हिन्दुत्व और गांधी’; एक ही है गांधी जी और आरएसएस का ‘हिन्दुत्व’

लोकेन्द्र सिंह कुछ लोग मेरे इस कथन से असहमत हो सकते हैं कि “गांधी जी का जीवन हिन्दुत्व में रचा–बसा था”. असहमतियों का सम्मान है,...

26 जनवरी – पूर्ण स्वराज्य/गणतंत्र दिवस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

डॉ. श्रीरंग गोडबोले भारत में 26 जनवरी को प्रतिवर्ष 'गणतंत्र दिवस' के रूप में मनाया जाता है. कम लोग इस तथ्य को जानते हैं कि...

माओवादियों के लिए राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के मायने?

जैसे-जैसे देश में लेफ्ट यानि कम्युनिस्ट विचारधारा का ग्राफ नीचे गिरते गया, उन्होंने कांग्रेस को अपनी राजनीतिक वैशाखी बनाने से परहेज नहीं किया. हालांकि, आश्चर्यजनक...

जब पोलैंड में वामपंथी समूह ने किया था नरसंहार

पोलैंड में प्रत्येक वर्ष दिसंबर महीने में वामपंथी क्रूरता की उस घटना को याद किया जाता है, जिसमें वामपंथी समूह ने अपनी तानाशाही गतिविधियों को...

धर्मरक्षक स्वामी सत्यानन्द सरस्वती जी

केरल भारत का ऐसा तटवर्ती राज्य है, जहाँ मुसलमान, ईसाई तथा कम्युनिस्ट मिलकर हिन्दू अस्मिता को मिटाने हेतु प्रयासरत हैं. यद्यपि वहाँ के हिन्दुओं में...

राष्ट्र ध्वज की निर्माण कथा – भाग तीन

राष्ट्रध्वज तिरंगे की प्रतिष्ठा के लिए स्वयंसेवकों का बलिदान लोकेन्द्र सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के मन में राष्ट्रीय प्रतीकों को लेकर किसी प्रकार...

भारतीय सभ्यता-संस्कृति के अनुकूल स्व-तंत्र स्थापित करना होगा – स्वांत रंजन जी

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख स्वांत रंजन ने कहा कि भारत की जो पहचान है, संपूर्ण विश्व में उसको बढ़ाने...

विस्तारवादी चीन के निवेश रूपी कर्ज जाल में फंसे विश्व के कई राष्ट्र

विस्तारवादी चीनी सरकार का निवेश रूपी कर्ज जाल कोई परोक्ष और कुछ एक राष्ट्रों तक सीमित नीति नहीं, बल्कि इसने दुनिया के 50 से भी...

अराजकता फैलाने का माध्यम बना तथाकथित किसान आंदोलन

प्रधानमंत्री ने गुरुनानक जयंती के दिन राष्ट्र के नाम संदेश में अप्रत्याशित निर्णय की घोषणा की. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित तीन कृषि...

तत्कालीन सामाजिक समस्याओं का परकीय नहीं, भारतीय दृष्टिकोण से समाधान चाहते थे डॉ. आंबेडकर

भारतरत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर अपने अधिकांश समकालीन राजनीतिज्ञों की तुलना में राजनीति के खुरदुरे यथार्थ की ठोस एवं बेहतर समझ रखते थे. नारों...