करंट टॉपिक्स

शिक्षा व संस्कृति अलग नहीं हो सकती – दत्तात्रेय होसबाले जी

महाकुम्भ नगर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि हम पुराने ज्ञान का उपयोग करने वाले ही न बनें, बल्कि नये...

लोकमंगल और लोकरंजन के लिये लोकसंपृक्त साहित्य रचना की आवश्यकता है – हेमंत मुक्तिबोध

इंदौर। विश्व संवाद केन्द्र मालवा द्वारा आयोजित नर्मदा साहित्य मंथन के चतुर्थ सोपान अहिल्या पर्व का समापन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सभागृह में हुआ। समापन...

एक्सक्लूसिवनेस नहीं, संवेदनशीलता बने भारत की पत्रकारिता का मूल्य – डॉ. विकास दवे

भोपाल. साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने ध्येयनिष्ठ संपादक मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी की 105वीं जयंती प्रसंग पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि भारत...

भारत की शास्त्रोक्त ज्ञान-परंपरा भारतीय संस्कृति का प्राण तत्व है

हमारे ये प्राचीन शास्त्र व उनका अध्ययन, अध्यापन संप्रदाय सापेक्ष कर्मकांड न होकर समूची मानव जाति की साझी व अनादि संस्कृति के अंग रहे हैं....

फार्मेसी, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और आर्किटेक्चर की पुस्तकें भारतीय भाषाओं में तैयार करने की पहल स्वागत योग्य

नई दिल्ली. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तकनीकी शिक्षा परिषद के निर्णय का स्वागत किया है. 22 भारतीय भाषाओं में फार्मेसी, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और आर्किटेक्चर...

काशी शब्दोत्सव – भारतीय विचार ‘वसुधैव कुटुंबकम’ को मानता है

वाराणसी. रूद्राक्ष इण्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, सिगरा, (वाराणसी) में आयोजित तीन दिवसीय काशी शब्दोत्सव – 2023 के तीसरे दिन कुल पांच चर्चा सत्र आयोजित हुए. प्रथम...

आदि शंकराचार्य ने ज्ञान परंपरा की जो व्यवस्था दी, उसमें सर्व मंगल का भाव निहित – श्री श्री शंकर भारती महास्वामी जी

चित्रकूट. श्री दक्षिणाय श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर श्रीमद्जगतगुरु शंकराचार्य जी द्वारा अनुगृहीत श्री योगानंदेश्वर पीठाधिपति कर्नाटक एवं वेदांत भारती के संरक्षक परम पूज्य श्री श्री शंकरभारती...