करंट टॉपिक्स

क्या हम एक और विभाजन की दिशा में बढ़ रहे हैं?

प्रशांत पोळ आज से ठीक 77 वर्ष पूर्व, 14 अगस्त की वह रात, काली रात थी. किसी समय अत्यंत शक्तिशाली, वैभवशाली और संपन्न रहे हमारे...

सामाजिक परिवर्तन से पूर्व आध्यात्मिक जागरण होता है – डॉ. मोहन भागवत जी

नागपुर (10 जून, 2024). सामाजिक परिवर्तन से ही व्यवस्था में परिवर्तन होता है. इसके लिए सबसे पहले आध्यात्मिक जागरण की आवश्यकता होती है. आक्रान्ताओं ने...

श्रीराम की संस्कृति, संस्कार, आचरण भी हर व्यक्ति के जीवन में आना आवश्यक – डॉ. मोहन भागवत जी

समाज में अस्पृश्यता का भाव नहीं चाहिए धामणगाँव रेलवे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि समाज में अच्छे भाव,...

देश के विकास के लिए समान नागरिक संहिता आवश्यक – इंद्रेश कुमार

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि देश के विकास के लिए समान नागरिक संहिता अनिवार्य...

भारतीय नारी निराश्रित नहीं है, वह प्रत्येक युग में नेतृत्व करती आई है – दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा

नई दिल्ली. नारी शक्ति संगम के अंतर्गत “महिला कल आज और कल” कार्यक्रमों की श्रृंखला में यमुना विहार विभाग, दिल्ली का कार्यक्रम रविवार को डॉ....

जाति-पाति पूछे नहीं कोई, हरि का भजे सो हरि का होई, यही सनातन परम्परा है – डॉ. सुरेंद्र जैन

काशी. विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि हम ऋणी हैं उस समाज के जिन्होंने मैला ढोना स्वीकार किया,...

विभाजन की विभीषिका – षड्यंत्र और संदिग्ध भूमिकाएं

कृष्णमुरारी त्रिपाठी द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए भारत की जनता आर- पार की लड़ाई में आ...

प्राचीन काल में भारत तकनीकी, व्यापार, कला, संगीत और साहित्य में अग्रणी था

शिमला. इंडियन इंस्टिटयूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज द्वारा भारत में संत और आचार्य परंपरा पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. व्याख्यान में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक...

क्या दोहरे मापदंडों से समरसता अक्षुण्ण रह सकती है?

बलबीर पुंज रामनवमी पर देश के कई क्षेत्रों में हिंसा क्यों भड़की? जब पूरा देश रामनवमी का पर्व उत्साह के साथ मना रहा था, तब...

पाकिस्तान में होली?

प्रशांत पोळ किसी जमाने में लाहौर की होली बड़ी गुलजार हुआ करती थी. लाहौर रंगों से पट जाता था. बसंत का उत्सव और बाद में...