करंट टॉपिक्स

लोकमंगल और लोकरंजन के लिये लोकसंपृक्त साहित्य रचना की आवश्यकता है – हेमंत मुक्तिबोध

इंदौर। विश्व संवाद केन्द्र मालवा द्वारा आयोजित नर्मदा साहित्य मंथन के चतुर्थ सोपान अहिल्या पर्व का समापन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सभागृह में हुआ। समापन...

मूल्यों के बिना आदर्श समाज की कल्पना नहीं की जा सकती – सुरेश सोनी जी

इंदौर। विश्व संवाद केंद्र के साहित्योत्सव नर्मदा साहित्य मंथन ‘अहिल्या पर्व’ का शुक्रवार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागृह में शुभारंभ हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के...

धर्म को अंग्रेजी में भी धर्म ही कहना चाहिए, रिलीजन कहना उचित नहीं – डॉ. मनमोहन वैद्य जी

धार, मालवा. विश्व संवाद केन्द्र, मालवा के वार्षिक साहित्यिक समागम “नर्मदा साहित्य मंथन” के तृतीय सोपान (१६-१७-१८ फरवरी) के समापन सत्र में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय...

देश अपने प्रतीक चिन्हों को उनके ‘स्व’ के आधार पर चुनते हैं

राजा भोज की नगरी में नर्मदा साहित्य मंथन के तृतीय सोपान का उद्घाटन धार. नर्मदा साहित्य मंथन का तृतीय सोपान माँ नर्मदा के पूजित जल...

सबके भाऊ….. राजाभाऊ

नर्मदा साहित्य मंथन के प्रथम दिवस "एक भूला सा सेनानी" शीर्षक से नाट्य मंचन हुआ था, नाट्य मंचन सतीश दवे जी की मंडली ने किया...

नर्मदा साहित्य मंथन से प्राप्त विमर्श रूपी अमृत समाज के लिए उपयोगी होगा – नरेंद्र कुमार जी

इंदौर. नर्मदा साहित्य मंथन-भोजपर्व का तीसरा दिन दीप प्रज्ज्वलन, शंखनाद एवं पिछले दिवस के सत्रों के सिंहावलोकन से प्रारम्भ हुआ. प्रथम सत्र में “राजा भोज...

भारत को तोड़ने वाली ताकतों व साजिशों को सामने लाना आवश्यक

इंदौर. नर्मदा साहित्य मंथन – भोजपर्व के दूसरे दिन का प्रारम्भ माँ वाग्देवी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. प्रथम सत्र में “भोजशाला एक...

समर्थ भारत ही विश्व कल्याण का मार्ग

नर्मदा साहित्य मंथन-भोजपर्व का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील जी आम्बेकर की उपस्थिति में माँ नर्मदा के जल कलश के...