करंट टॉपिक्स

सुप्रसिद्ध नृत्यांगना व संस्कार भारती दिल्ली प्रांत अध्यक्ष पदम् भूषण डॉ. सरोजा वैद्यनाथन जी का देवलोकगमन

नई दिल्ली. विश्वप्रसिद्ध नृत्यांगना व दिल्ली प्रांत संस्कार भारती की अध्यक्ष पदम् भूषण डॉ. सरोजा वैद्यनाथन जी आज प्रातः 4.00 बजे ब्रह्मलीन हो गईं. वह...

डी-लिस्टिंग हुंकार महारैली – जनजाति समाज ने भरी हुंकार, 342 में संशोधन करे सरकार

उदयपुर. धर्मान्तरण न सिर्फ जनजाति संस्कृति के लिए, बल्कि देश के लिए भी खतरा है. धर्मान्तरण से जनजाति समाज की पहचान, उसका अस्तित्व ही संकट...

धार – राजगढ़ में किसानों को विष मुक्त-पोषण युक्त खेती हेतु प्रेरित करने के लिए धरती माता पूजन कार्यक्रम का आयोजन

धार. भूमि सुपोषण संरक्षण अभियान के अंतर्गत राजगढ़ के ग्राम विकास गतिविधि की टोली ने क्षेत्र के किसानों को पोषण युक्त, विषमुक्त खेती के लिए...

18 जून को उदयपुर में डी-लिस्टिंग महारैली में जनजाति समाज भरेगा हुंकार

उदयपुर. हल्दीघाटी युद्ध दिवस 18 जून को उदयपुर शहर में जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के तत्वाधान में डी-लिस्टिंग हुंकार महारैली का आयोजन होने जा रहा...

सनातन का अर्थ है, जो कल भी था, आज भी है और हमेशा रहेगा – स्वामी गोविंददेव गिरि जी

मुंबई. हिंदी विवेक के "सनातन भारत" ग्रंथ में सनातन परम्परा से सम्बंधित सभी प्रश्नों को समाहित किया गया है. विचार, भाषा और कलेवर की दृष्टि...

भारत का बड़ा होना विश्व की आवश्यकता है – डॉ. मोहन भागवत जी

मुंबई. प्रसिद्ध उद्योगपति और विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष अशोक चौगुले के अमृत महोत्सव का कार्यक्रय रवींद्र नाट्य मंदिर में विवेक व्यासपीठ ने आयोजित किया....

‘धर्मांतरितों को आरक्षण नहीं’ के मतैक्य के साथ संपन्न हुआ दो दिवसीय विमर्श

ग्रेटर नोएडा विश्व संवाद केंद्र एवं गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का आज समापन हो गया. ‘धर्मांतरण कर मुसलमान अथवा...

कला साधको ने दी ब्रह्मलीन गुरु पं. जितेंद्र महाराज को श्रद्धांजलि

नई दिल्ली. विगत शिवरात्रि (18 फरवरी) को बनारस घराने के विख्यात गुरु पं. जितेंद्र महाराज ब्रह्मलीन हुए. दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देने हेतु कड़कड़डूमा स्थिति...

आधुनिकता में अपनी पुरातन संस्कृति और जड़ों को न भूलें – एरिक सोल्हेन

चित्रकूट. संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य नो पावर्टी, अच्छा स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर पर दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित द्वितीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का...

झाबुआ – जल संरक्षण के लिए हलमा का आयोजन, चार घंटे में 35 हजार जल संरचनाओं का निर्माण

झाबुआ (विसंकें). हलमा यानि सामूहिक श्रमदान की समृद्ध परंपरा का अनूठा दृश्य झाबुआ में देखने को मिला. हाथीपावा की पहाड़ी पर भगीरथों ने चार घंटे...