करंट टॉपिक्स

एकात्म मानव दर्शन – दीनदयाल जी ने चतुर्पुरुषार्थ सिद्धांत को व्यवहारिक स्वरूप दिया

भाग एक विश्व की आधुनिक शासन प्रणालियों में बहुत से सिद्धांत सामने आए. इन सिद्धातों को सूत्र रूप प्रस्तुत करने के लिये कुछ शब्द भी...

गूढ़ार्थ के पर्यायवाची – भगवान शिवशंकर

प्रशांत पोळ सृष्टि में असीम आनंद का वातावरण है. वसंत की उत्फुल्लता चहुं ओर दृष्टिगोचर हो रही है. ऋतुओं के संधिकाल का यह महापर्व अपने...

‘शिवलिंग’ क्या हैं..?

प्रशांत पोळ इस वर्ष मई में जब काशी के ज्ञानव्यापी परिसर में सर्वे हुआ तो वहां शिवलिंग पाया गया. इस समाचार पर देश में जहां...

शासकीय तंत्र में मानवीय मंत्र की स्थापना का सिद्धांत – एकात्म मानवदर्शन

महान दार्शनिक प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु अरस्तु ने कहा था - "विषमता का सबसे बुरा रूप है, विषम चीजों को एक समान...