पारम्परिक सांस्कृतिक मूल्यों वाले भारत को फिर से गढ़ने की आवश्यकता – डॉ. दिनेश जी admin November 16, 2022November 16, 2022 चितौड़ बैनर स्लाइडर शीर्ष क्षैतिज स्क्रॉल समाचार उदयपुर. ‘धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो. प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो....’ भारत में प्रतिदिन आरती के साथ दोहराए जाने...
वैराग्य – भारतीय दर्शन संस्कृति का अभिन्न अंग admin November 30, 2021November 30, 2021 दिल्ली बैनर स्लाइडर विचार शीर्ष क्षैतिज स्क्रॉल भगवद् गीता अध्याय 6 श्लोक 35 श्री भगवानुवाच असंशयं महाबाहो मनो दुर्निग्रहं चलं. अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते.. अर्थात श्रीभगवान् कहते हैं – हे,...