करंट टॉपिक्स

सत्य का सामना करने का दम है तो देखिए – बस्तर : द नक्सल स्टोरी

लोकेन्द्र सिंह ‘द केरल स्टोरी’ के बाद सुदीप्तो सेन ने फिल्म ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ के माध्यम से आतंकवाद को, उसके वास्तविक रूप में, सबके...

पिछले 100 वर्ष के अंतराल में हुए नरसंहारों की परतें खोलेगी आने वाली फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स

पंचकुला, हरियाणा. प्रसिद्ध फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री की आने वाली फिल्म दिल्ली फाइल्स पिछले 100 साल में हुए हिन्दुओं के नरसंहार से जुड़ी होगी. भारतीय चित्र...

सोचना हमें है कि कला क्षेत्र में किस सीमा तक समझौता करें?

हिन्दी फिल्मों में नारी का चित्रण एवं महिलाओं की भूमिका जय देशपाण्डे पश्चिमी जगत में सिनेमा १९वीं शताब्दी के उत्तरार्ध लगभग १८८७-८८ में आरम्भ हुआ....

सिनेमा में स्वत्व और संस्कार बोध की आवश्यकता – 2

रमेश शर्मा मूक फिल्मों के बाद जैसे ही सस्वर फिल्मों का दौर आरम्भ हुआ, तब इनके अरम्भिक ५० वर्ष की यात्रा में मोटे तौर पर...

सिनेमा में स्वत्व और संस्कार बोध की आवश्यकता – 1

रमेश शर्मा हम स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. किसी भी राष्ट्र की स्वाधीनता का अमृत्व उसकी अपनी जड़ों के सशक्तिकरण से ही सम्भव...

बॉलीवुड नाम हटाने की आवश्यकता, सिर्फ एक ही नाम होना चाहिए भारतीय सिनेमा

उज्जैन, 10 अप्रैल. उज्जैन शहर में आयोजित दो दिवसीय शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में सोमवार को समापन समारोह में शामिल हुए बॉलीवुड अभिनेता संजय मिश्रा ने...

चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल (CBFF) 2024 की घोषणा; चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के 5वें संस्करण का पोस्टर लॉन्च

नई दिल्ली. डॉक्युमेंट्री और फिल्म मेकर्स की प्रतीक्षा को समाप्त करते हुए भारतीय चित्र साधना ने चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल (CBFF) के 5वें संस्करण की...

काशी शब्दोत्सव : शिव और शक्ति – अभिव्यक्ति के विविध रूप

वाराणसी. विश्व संवाद केंद्र, काशी की ओर से रूद्राक्ष इण्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (वाराणसी) में आयोजित तीन दिवसीय काशी शब्दोत्सव - 2023 के दूसरे दिन छः...

सिनेमा को पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता – टीएस नागभरण

भोपाल. चित्र भारती फ़िल्म फेस्टिवल के अंतर्गत पहले दिन दो मास्टर क्लास का आयोजन किया गया. निर्देशन एवं साउंड डिजाइन पर पहली मास्टर क्लास को...

असफलताएं जीवन का हिस्सा, लेकिन हिम्मत नहीं हारनी चाहिए – अक्षय कुमार

फिल्मों के माध्यम से आगे बढ़ाएं भारत विमर्श - विवेक अग्निहोत्री सिनेमा मनरोजंन का माध्यम, लेकिन इसका उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन हो ऐसा भी नहीं है...