करंट टॉपिक्स

एकात्म मानव दर्शन – दीनदयाल जी ने चतुर्पुरुषार्थ सिद्धांत को व्यवहारिक स्वरूप दिया

भाग दो "धर्म" चतुर्पुरुषार्थ में सबसे पहला है. इसके अंतर्गत शिक्षा-संस्कार, जीवन संकल्प समन्वय एवं विधि व्यवस्था आती है. दूसरा पुरुषार्थ "अर्थ" है, इसमें साधन...

गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चे शिक्षा से वंचित न रह जाएं, इसके लिए महामना शिक्षण संस्थान काम कर रहा – डॉ. कृष्णगोपाल जी

लखनऊ. भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा संचालित महामना शिक्षण संस्थान का नूतन सत्र अभिनंदन एवं पूर्व विद्यार्थी अलंकरण समारोह का आयोजन रविवार को किया गया....

महाराणा प्रताप का जीवन स्वाभिमान एवं संघर्ष का पर्याय है – मुकुल कानिटकर

कुंभलगढ़. चिंतक-विचारक मुकुल कानिटकर ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन चरित्र संपूर्ण विश्व के लिए आदर्श, स्वाभिमानी और स्वतंत्रता के लिए प्राण-प्रण से संघर्ष...

महाराणा प्रताप का संघर्ष साम्राज्य विस्तार के लिए नहीं, संस्कृति और अस्मिता की रक्षा के लिए था

उदयपुर, 8 जून. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का संघर्ष साम्राज्य विस्तार के...

राष्ट्रहित में सर्वस्व का त्याग करते हुए आदर्श खड़ा करना आसान कार्य नहीं – भय्याजी जोशी

नासिक. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी ने कहा कि हर पीढ़ी के लिए संघ मार्ग पर चलने को दीपस्तंभ...

घुमंतू जातियों के उत्थान के लिए आगे आए समाज – दुर्गादास जी

जयपुर. घुमंतू जाति उत्थान न्यास और डॉ. पंकज सिंह फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को विद्याधर नगर की घुमंतू बस्ती में रोजगार मेला आयोजित...

पहली बार होगा ‘दिवेर युद्ध की ऐतिहासिक विजय’ का नाट्य रूपान्तरण

उदयपुर. दिवेर युद्ध में महाराणा प्रताप की निर्णायक एवं अप्रतिम विजय का प्रथम बार शेखावाटी साहित्य संगम में नाट्य के रूप में मंचन होगा. 28...

देश की अखंडता बनाए रखना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी – डॉ. मोहन भागवत जी

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग समापन समारोह में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि देश की स्वाधीनता के 75...

राष्ट्रचिंतन लेखमाला – परम वैभवशाली अखंड भारतवर्ष

नरेंद्र सहगल देशवासियों ने प्रसन्नता और उल्लास के साथ अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाया है. यह हमारी राष्ट्रभक्ति का स्वाभाविक परिचय है. परंतु यह खंडित...

राष्ट्र चिंतन लेखमाला – राजनीतिक/सांप्रदायिक अवधारणा नहीं है ‘हिन्दू राष्ट्र’

नरेंद्र सहगल भारत में सर्वस्पर्शी ‘हिन्दू राष्ट्र’ की अवधारणा किसी विशेष जाति, क्षेत्र अथवा साम्प्रदाय से कोसों दूर है. यह कोई राजनीतिक अथवा चुनावी मुद्दा...