करंट टॉपिक्स

शक्ति आराधना पर्व में “सृजन” प्रदर्शनी अत्यंत प्रासंगिक – अभिजीत गोखले

नवरात्रि पर चित्रकला प्रदर्शनी ''सृजन" के माध्यम से विशेष देवी स्तुति नई दिल्ली. नवरात्रि के अवसर पर संस्कार भारती 'कला संकुल' में चित्रकला प्रदर्शनी सृजन...

भारत को समझने के लिए महाभारत को पढ़ने की जरूरत है – चितरंजन त्रिपाठी

नई दिल्ली. संस्कार भारती, दिल्ली प्रान्त द्वारा 'कला संकुल' में कला एवं साहित्य को बढ़ावा देने के क्रम में आयोजित मासिक नाट्या संगोष्ठी का कार्यक्रम...

संस्कार भारती के सिने टॉकीज़ 2024 के पोस्टर और वेबसाइट का आधिकारिक अनावरण

मुंबई. संस्कार भारती के 'सिने टॉकीज़ 2024' का आधिकारिक पोस्टर और वेबसाइट (www.cinetalkies.in) को आज प्रसिद्ध फिल्म निर्माता बोनी कपूर जी की गरिमामय उपस्थिति में...

नाटक में नवाचार के प्रयोग पर विशेष बल देने की आवश्यकता – प्रोफेसर भरत गुप्त

नई दिल्ली. संस्कार भारती 'कला संकुल' में "भरतमुनि का नाट्यशास्त्र - परंपरा एवं प्रयोग" विषय आयोजित संगोष्ठी में प्रसिद्ध शास्त्रीय कलाकार, रंगमंच सिद्धांतकार प्रोफेसर भरत...

कला के मर्म को समझाने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है – अभिजीत गोखले

नई दिल्ली. गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सांस्कृतिक कला केंद्र संस्कार भारती 'कला संकुल' में गुरु पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संस्कार भारती...

सृष्टि-निर्माण दिवस की स्मृति के रूप में हमारी संस्कृति का उज्ज्वल और महत्वपूर्ण दिन – रमेश जी

वाराणसी. चैत्र शुक्ल एकम् नए वर्ष का प्रथम दिवस है. इसीलिए इसे वर्ष प्रतिपदा कहते हैं. भारतीय प्राचीन वाङ्मय के अनुसार सृष्टि का प्रारम्भ इसी...

गीत-संगीत, नृत्य, हर्ष उल्लास के साथ नव वर्ष का स्वागत

संस्कार भारती, दिल्ली प्रांत द्वारा 'वर्ष प्रतिपदा' के अवसर पर सूर घाट (दिल्ली) पर 'नववर्ष उत्सव, विक्रमी संवत 2081' हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस...

हमें कला जगत में भारतीय कला विमर्श को स्थापित करना है

2,000 से अधिक कलाकार अखिल भारतीय कला साधक संगम में हुए शामिल बेंगलुरु. संस्कार भारती द्वारा बेंगलुरु में आयोजित चार दिवसीय "अखिल भारतीय कलासाधक संगम"...

कला का जुड़ाव मनोरंजन से कम, बल्कि मनुष्य की सर्वांगीण उन्नति से अधिक – डॉ. मोहन भागवत जी

कलासाधक संगम में भरतमुनि सम्मान से कलासाधकों का सम्मान बेंगलुरु. संस्कार भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कला साधक संगम के तीसरे दिन आज भरतमुनि सम्मान...

समरसता हमारी संस्कृति का मूल स्वभाव, विविधता हमारी समृद्ध विरासत की पहचान

सामाजिक समरसता में कला और साहित्य की भूमिका पर आधारित रहा दूसरा दिन बेंगलुरु. "अखिल भारतीय कलासाधक संगम" के दूसरे दिन सामाजिक समरसता निर्माण में...