करंट टॉपिक्स

लोकतंत्र में व्यक्ति या संगठन के लिए संविधान के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए – दत्तात्रेय होसबाले जी

आपातकाल के दौरान (1975-1977) की परिस्थितियों, सरकार की दमनकारी नीति, संघ की भूमिका पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी से विश्व संवाद...

राष्ट्रदेव पत्रिका के ‘स्वतन्त्रता का अमृत महोत्सव’ विशेषांक का लोकार्पण

मेरठ. भारत के गौरवशाली अतीत एवं स्वतन्त्रता के आंदोलन में क्रांतिकारियों के योगदान को याद रखना है तो हमें लेखन के माध्यम से अपनी वर्तमान...

हैदराबाद नि:शस्त्र प्रतिरोध – तमाम बंदिशों के बावजूद शुरू हुआ निजाम के विरुद्ध जनप्रतिरोध

डॉ. श्रीरंग गोडबोले हैदराबाद राज्य के 88 प्रतिशत हिन्दुओं पर निजाम और उनकी खाकसार पार्टी का दमन आरंभ हो चुका था. उस दमन चक्र में...

सरकार ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के वर्षभर चलने वाले स्मृति उत्सव को स्वीकृति दी

नई दिल्ली. संस्कृति मंत्रालय 17 सितंबर, 2022 को हैदराबाद मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में वर्षभर चलने वाले स्मरण उत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन करेगा....

जंगल सत्याग्रह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – स्वतंत्रता आंदोलन में संघ स्वयंसेवकों का सहभाग

डॉ. श्रीरंग गोडबोले देश को स्वतंत्रता दिलाने के सभी प्रयासों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का प्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त होता था. इसी...

समाज में परिवर्तन करने के लिये सैकड़ों पीढ़ियों की साधना लगती है – स्वप्निल जी कुलकर्णी

ब्यावरा, भोपाल. स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण में संघ शिक्षा वर्ग सामान्य में आए शिक्षार्थियों ने बीस दिवसीय प्रशिक्षण में साधना पश्चात् प्रगट कार्यक्रम...

अमृत महोत्सव – स्वतन्त्रता संग्राम में आर्य समाज की भूमिका

डॉ. रवि प्रकाश भारत जब पराधीन था, उस समय देश में कई कुरीतियां और अन्य सामाजिक बुराइयाँ देश में फैली हुई थी. इन बुराईयों और...

स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाटक “उलगुलान” की प्रस्तुति

झुग्गी- झोपड़ी में रहने वाले 34 बाल कलाकारों ने नाट्य प्रस्तुति से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध नई दिल्ली. स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में...

स्वतन्त्रता सेनानी रानी मां गाइदिन्ल्यू

देश की स्वतन्त्रता के लिए ब्रिटिश जेल में भीषण यातनाएं भोगने वाली रानी गाइदिन्ल्यू का जन्म 26 जनवरी, 1915 को रांगमेयी जनजाति में हुआ था....

नेताजी से जुड़े रहस्य सुलझाने के लिए ताइवान ने खोले नेशनल आर्काइव के दरवाजे

नई दिल्ली. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु को लेकर आज भी रहस्य बना हुआ है. ताइवान ही वह अंतिम देश था, जहां अंतिम बार...