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जीवन के बाद कर्मयोगी हस्तीमल जी की देह भी राष्ट्र को समर्पित

उदयपुर. ‘तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूं मातृ-भू तुझे कुछ और भी दूं...’ इन पंक्तियों के मर्म को चरितार्थ करते हुए...

प्रेरणा स्रोत हस्तीमल जी

हस्तीमल जी का जन्म राजसमंद जिले में चंद्रभागा नदी के दक्षिण तट पर आमेट कस्बे में हुआ था. वे मेधावी छात्र थे. 1964 में आमेट...