करंट टॉपिक्स

संविधान की हत्या करने वाली तानाशाही के स्वर्णिम किस्से..!!

कृष्णमुरारी त्रिपाठी देश में गाहे-बगाहे इमरजेंसी, तानाशाही, हिटलरशाही जैसे शब्द सुनाई देते रहते हैं. हताशा से भरा एक वर्ग अपना राग अलापता रहता है. लोकतंत्र...

स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला अध्याय ‘न भूतो, न भविष्यति’

शशिकांत चौथाईवाले पूर्वोत्तर भारत - “आपातकाल के काले दिन की यादें” 26 जून, 1975 उत्तर गुवाहाटी के आउनी आरी सत्र (मंदिर) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ...

मीडिया में इमरजेंसी के हालत बताने वालों ने इमरजेंसी की विभीषिका नहीं देखी – रमेश शर्मा

  इंदौर. वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा ने कहा कि आजकल कुछ लोग कहते हैं कि देश में आपातकाल की स्थिति बनी हुई है. या तो...

यादों में आपातकाल – दो

जब जेपी की हुंकार से सिंहासन हिल उठे! जयराम शुक्ल कांग्रेस के अध्यक्ष देवकांत बरुआ का नारा इंदिरा इज इंडिया गली कूँचों तक गूंजने लगा....

यादों में आपातकाल – एक

अनुशासन का शर्मनाक यातना पर्व...! जयराम शुक्ल पंद्रह अगस्त, 26 जनवरी यदि सरकारी आयोजन न होते तो पब्लिक इन्हें कब का भुला चुकी होती. लेकिन...