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प्रणय कुमार भारतीय संस्कृति में 'सर्वं खल्विदं ब्रह्म' एवं 'यत पिंडे तत ब्रह्मांडे' का महावाक्य प्रतिष्ठित रहा है. इस संस्कृति ने केवल वाणी से ही...