करंट टॉपिक्स

‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ को साकार करने में सफल रहे रणदीप हुड्डा

लोकेंद्र सिंह रणदीप हुड्डा ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर बेहतरीन फिल्म बनाई है. सच कहूं तो यह फिल्म से कहीं अधिक है. सिनेमा का पर्दा जब...

दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल?

नरेन्द्र सहगल परतंत्रता के विरुद्ध निरंतर एक हजार वर्षों तक सशस्त्र संघर्ष करने के फलस्वरूप अंततः हमारा अखंड भारतवर्ष दो भागों में विभाजित होकर ‘स्वतंत्र’...

हिन्दुत्व का चिंतन ही विश्व को शांति प्रदान करेगा – दीपक बिस्पुते

सतना. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र प्रचारक दीपक बिस्पुते ने कहा कि "भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीन संस्कृति है. यह सम्पूर्ण मानव समाज को दिशा...

स्वाधीनता आंदोलन में त्याग, बलिदान और साहस की प्रतीक मातृशक्ति

लोकेन्द्र सिंह प्रत्येक कालखंड में मातृशक्ति ने भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है. समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वह पुरुष...

अमृत महोत्सव लेखमाला – सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ : भाग 15

आधुनिक युग के छत्रपति शिवाजी थे क्रांति शिरोमणि वीर सावरकर नरेन्द्र सहगल भारत की सनातन संस्कृति के वैचारिक आधार ‘शस्त्र और शास्त्र’ को साक्षात अपने...

भविष्यदृष्टा सावरकर

प्रशांत पोळ निर्भयता, निडरता, निर्भीकता. इनका पर्यायवाची शब्द हैं – वीर सावरकर. इस सामान्य कद-काठी के व्यक्ति में असामान्य और अद्भुत धैर्य था. अपने ८३...

स्वाधीनता का अमृत महोत्सव – 1857 की क्रांति के प्रतिसाद

रवि कुमार 10 मई, 1857 को प्रारंभ हुआ स्वतंत्रता समर 1859 आते-आते समाप्त हो गया. क्या देशभक्ति का ज्वार मात्र दो वर्ष में ही भाटे...

सन् 1857 का स्वातंत्र्य समर – स्वतंत्रता का एक सुनियोजित प्रयास

रवि कुमार भारत की स्वतंत्रता की चर्चा जब होती है तो ध्यान आता है उन क्रान्तिकारियों का, जिन्होंने स्वतंत्रता की बलि वेदी पर अपने प्राणों...

अमृत महोत्सव – स्वतन्त्रता संग्राम में आर्य समाज की भूमिका

डॉ. रवि प्रकाश भारत जब पराधीन था, उस समय देश में कई कुरीतियां और अन्य सामाजिक बुराइयाँ देश में फैली हुई थी. इन बुराईयों और...

‘स्व’ पर आधारित जीवनदृष्टि को पुनः स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध हों – दत्तात्रेय होसबाले जी

स्वाधीनता का अमृत महोत्सव - स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर कर्णावती. भारत स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है. स्वतंत्रता आंदोलन सार्वदेशिक और सर्वसमावेशी था....