करंट टॉपिक्स

भारतीय मूल्यों की संवाहक बन रहीं जी-20 बैठकें

लोकेन्द्र सिंह संयोग देखिए कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है, उसी समय उसे विश्व के प्रभावशाली देशों के संगठन ‘जी-20’...

शब्द ही भारत की आत्मा और संस्कृति को परिभाषित करता है – आरिफ मोहम्मद खान

भारत के ज्ञान का मूल सार विश्व कल्याण है – सुनील आम्बेकर वाराणसी. विश्व संवाद केंद्र, काशी की ओर से रूद्राक्ष इण्टरनेशनल कन्वेन्शन सेंटर वाराणसी...

‘शिवलिंग’ क्या हैं..?

प्रशांत पोळ इस वर्ष मई में जब काशी के ज्ञानव्यापी परिसर में सर्वे हुआ तो वहां शिवलिंग पाया गया. इस समाचार पर देश में जहां...

विश्व शांति और मानव-कल्याण को संकीर्ण मानसिकता से सर्वाधिक खतरा..!!

बलबीर पुंज “जबरन मतांतरण करना न केवल मजहबी स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है, अपितु यह देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता...

भगिनी निवेदिता, भारत के लिए सर्वस्व न्यौछावर

स्वामी विवेकानन्द से जग में कोई अछूता ना रहा. स्वामी जी से प्रभावित होकर आयरलैण्ड की युवती मार्गरेट नोबेल ने अपना जीवन भारत माता की...

अमृत महोत्सव लेखमाला – सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ : भाग 17

स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद आदि संतों ने जगाई राष्ट्रीय चेतना नरेन्द्र सहगल विश्व के एकमात्र राष्ट्र भारत को यदि ‘आध्यात्मिक राष्ट्र’ की संज्ञा से सम्मानित किया जाए...

स्वर्णिम अतीत, लक्ष्य सिद्ध करने वाला वर्तमान व समुज्जवल भविष्य

वर्तमान केन्द्र सरकार सांस्कृतिक विरासत के भू-क्षेत्रीय इतिहास के चरणबद्ध अध्ययन और उसके पुनरूत्थान और संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही है, क्योंकि किसी देश...

इतिहास को जाने बिना, समाज उन्नति नहीं कर सकता – रविंद्र जी

ग्वालियर. लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अखिल भारतीय सह संयोजक समरसता गतिविधि रविंद्र जी ने कहा...

वामपंथियों के कुकृत्यों का गढ़ – जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जेएनयू को बंद कर दिया था

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रामनवमी के दिन जिस तरह से वामपंथी गुटों ने हंगामा किया, एबीवीपी के विद्यार्थियों के साथ मारपीट की और तो और...

पुस्तक समीक्षा – आत्मदैन्य से मुक्ति का विमर्श है ‘भारतबोध का नया समय’

लोकेन्द्र सिंह पत्रकारिता के आचार्य एवं भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी की नयी पुस्तक ‘भारतबोध का नया समय’ शीर्षक से आई है....