करंट टॉपिक्स

संघ शताब्दी वर्ष पर समाजहित में पंच परिवर्तन पर होगी चर्चा

नागपुर, १३ मार्च. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत ९९ वर्षों से सामाजिक संगठन के रूप में कार्यरत है. अगले वर्ष २०२५ की विजयादशमी को संघ की...

शक्ति और सामूहिकता का पर्व है श्री विजयादशमी

रांची. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रांची महानगर द्वारा श्री विजयादशमी उत्सव का आयोजन स्थानीय डीएवी कपिल देव कडरू मैदान में किया गया. इस अवसर पर पूर्ण...

समाज की सज्जनशक्ति देश को समय दे – विजयानंद जी

उदयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रांत प्रचारक विजयानंद जी ने आह्वान किया कि समाज की सज्जन शक्ति देश की समस्याओं के समाधान के लिए समय...

विवेकशील व्यक्ति ही शक्तियों का सही उपयोग कर सकता है – स्वांत रंजन जी

विजयादशमी पर जयपुर महानगर में 28 स्थानों से निकले पथ संचलन, हुआ शस्त्र पूजन जयपुर. विजयादशमी के अवसर पर बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की...

स्वतंत्रता का उद्देश्य चिरपुरातन राष्ट्र को पुनः वैभवशाली बनाना है – दत्तात्रेय होसबाले जी

गया (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि भारत को हजार वर्षों के संघर्ष के बाद स्वाधीनता मिली है. इस...

पथ संचलन – “एक ध्वज, 7.48 घंटे, 14 बस्ती, 48.4 किलोमीटर, 2000 से अधिक स्वयंसेवक”

https://twitter.com/editorvskbharat/status/1450317704217329665 विजयादशमी के उपलक्ष्य में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पथ संचलन संघ रचना की समस्त बस्तियों में आयोजित किया गया. पथ संचलन के...

“कथनी नहीं, व्यवहार से स्वयं को समाज के समक्ष प्रस्तुत करो”

  लोकेंद्र सिंह डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन शुभ संकल्प के साथ एक छोटा बीज बोया था, जो आज विशाल...

समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की अनुभूति से भारत बनेगा विश्वगुरू – अशोक कपिल

शिमला. विजयादशमी पथ संचलन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अशोक कपिल ने ने कहा कि जिस प्रकार विवेकानंद को रामकृष्ण परमहंस से मिलने के बाद ही...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – 100 वर्ष

अनिरुद्ध देशपांडे सन् 1925 में विजयादशमी के मंगल दिन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई. संघ के संस्थापक पू. डॉ. हेडगेवार जी ने...

हिन्दी पत्रकारिता के ‘माणिक’ मामाजी

प्रखर संपादक माणिकचंद्र वाजपेयी उपाख्य ‘मामाजी’ की 101वीं जयंती पर विशेष लोकेन्द्र सिंह ‘मन समर्पित, तन समर्पित और यह जीवन समर्पित. चाहता हूँ देश की धरती, तुझे कुछ और...