करंट टॉपिक्स

आपातकाल – लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों की जघन्य हत्या का काला अध्याय

डॉ. सौरभ मालवीय आपातकाल स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे विवादास्पद एवं अलोकतांत्रिक काल कहा जाता है. आपातकाल को 48 वर्ष बीत चुके हैं, परन्तु...

प्रेरणा स्रोत हस्तीमल जी

हस्तीमल जी का जन्म राजसमंद जिले में चंद्रभागा नदी के दक्षिण तट पर आमेट कस्बे में हुआ था. वे मेधावी छात्र थे. 1964 में आमेट...

पुण्यस्मरण – भारतीय राजनीति के महान सोशल इंजीनियर थे नानाजी…

जयराम शुक्ल "दूसरी गुलामी से मुक्ति का आंदोलन परवान पर नहीं चढ़ता, यदि जेपी को नानाजी जैसे सारथी नहीं मिले होते." वैचारिक पृष्ठभूमि अलग-अलग होते...

बंगाल में संघ कार्य के स्तम्भ अमल कुमार बसु

अमल कुमार बसु जी का जन्म मध्यप्रदेश के धार नगर में 1926 में हुआ था. उनके पूर्वज बंगाल में 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर...

जन्मशताब्दी वर्ष – भारतीय स्वाभिमान का चेहरा ‘धरमपाल’

प्रशांत पोळ वर्ष १९६०. ग्वालियर से दिल्ली जाती हुई एक खचाखच भरी ट्रेन. ट्रेन में तीसरे दर्जे का एक डिब्बा. एक ३८ वर्ष का, प्रौढ़ावस्था...

प्रखर संपादक माणिकचंद्र वाजपेयी उपाख्य ‘मामाजी’

सादगी, सरलता और निश्छलता के पर्याय मामाजी ने अपने मौलिक चिंतन और धारदार लेखनी से पत्रकारिता में भारतीय मूल्यों एवं राष्ट्रीय विचार को प्रतिष्ठित किया....

संविधान दिवस : 26 नवंबर – गंगा अवतरण से लेकर नौआखली दंगा पीड़ितों की चित्र यात्रा है संविधान

डॉ. सुरेंद्र कुमार जाखड़ 26 नवम्बर संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत में 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया. स्वतंत्रता मिलते ही...

यादों में आपातकाल – राहुकाल से लोकतंत्र के निकलने की शेषकथा..!

जयराम शुक्ल चाटुकारिता भी कभी-कभी इतिहास में सम्मान योग्य बन जाती है. आपातकाल के उत्तरार्ध में यही हुआ. पूरे देश भर से चाटुकार कांग्रेसियों और...

स्कूल-कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल हो ‘आपातकाल’

शिमला. वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देशवासियों पर थोपे गए ‘आपातकाल’ को स्कूल व कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए....

मीडिया में इमरजेंसी के हालत बताने वालों ने इमरजेंसी की विभीषिका नहीं देखी – रमेश शर्मा

  इंदौर. वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा ने कहा कि आजकल कुछ लोग कहते हैं कि देश में आपातकाल की स्थिति बनी हुई है. या तो...