करंट टॉपिक्स

‘मुसलमानों ने बर्बरता की हदें पार कीं’

बात उन दिनों की है, जब मेरे बड़े भाईसाहब सेना मुख्यालय से जुड़े एक सरकारी दफ्तर में काम करते थे. कुछ दिन बाद उनका स्थानांतरण...

‘रास्ते में बिछी थीं लाशें’

बंटवारे के दिनों के बारे में जब भी सोचता हूं तो एक अजीब सी उलझन होने लगती है. उन दिनों पाकिस्तान में जहां भी हिन्दू...

‘जो कुछ हूं संघ की बदौलत हूं’

बंटवारे के दौर की रातों को पाकिस्तान से आना वाला कोई भी हिन्दू नहीं भूल सकता, हिन्दुओं के घरों को आग लगा दी जाती थी,...

‘नहीं भूलते बंटवारे के दिन’

बंटवारे के वक्त मैं नागपुर में संघ का तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा था. इस बीच पाकिस्तान की ओर से हिन्दुओं के पलायन...

‘स्वयंसेवकों ने दिया सेना का साथ’

विभाजन के समय मेरी आयु 7 वर्ष की थी. मैं मीरपुर में रहता था. यह बड़ा ही समृद्ध और पढ़े-लिखे लोगों का इलाका था. 15...

‘देवदूत थे स्वयंसेवक’

बंटवारे की त्रासदी सात दशक बाद भी भूले नहीं भूलती. जब हिन्दू मां-बहनों पर खुलेआम आततायी मुसलमानों द्वारा अत्याचार किया जा रहा था, घर-दुकान, व्यवसाय...