रोहतक. फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में निकिता हत्याकांड में पुलिस ने तीसरे आरोपी को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने अजरू को नूंह से गिरफ्तार किया है. अजरू पर तौसीफ को हथियार उपलब्ध करवाने का आरोप है. निकिता की हत्या में अवैध हथियार का उपोग हुआ था. मामले में अभी तक तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. तौसीफ निकिता की जिंदगी में एक नासूर बन चुका था…..
तौसीफ न सिर्फ निकिता के साथ जबरदस्ती शादी करना चाहता था, बल्कि उस पर अपना धर्म बदलने के लिए भी दबाव डाला जा रहा था. इसकी पुष्टि निकिता के साथ बी.कॉम ऑनर्स के थर्ड ईयर में पढ़ने वाले उसके दोस्तों ने की.
निकिता के साथ पढ़ने वाले कह रहे हैं कि तौसीफ निकिता को पिछले ढाई महीनों से बहुत ज्यादा परेशान करने लगा था और इसका असर निकिता के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगा था. लेकिन एक जानकारी यह भी है कि तौसीफ निकिता को ढाई महीनों से नहीं, बल्कि कई वर्षों से परेशान कर रहा था और इसकी शुरुआत होती है, फरीदाबाद के रावल इंटरनेशनल स्कूल से.
निकिता ने यहां से से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की थी और तौसीफ भी इसी स्कूल में पढ़ता था और यहीं से तौसीफ, निकिता से एकतरफा प्यार करने लगा. आरोपों के अनुसा, ये एकतरफा प्यार जबरन शादी और निकिता का धर्म परिवर्तन कराने की जिद में बदल गया.
हत्याकांड ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया
हत्याकांड ने सिर्फ फरीदाबाद नहीं, बल्कि पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया है. हर शहर, हर मोहल्ले, हर गांव और हर घर में रहने वाली निकिता जैसी करोड़ों बेटियां सहमी हुई हैं क्योंकि, उन्हें नहीं पता कि कब कौन सा तौसीफ उनके तमाम सपनों को अपनी जिद की आग में जला देगा. सवाल बहुत गंभीर है और इसका जवाब ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए.
जिन गलियों में निकिता तोमर ने अपना बचपन बिताया, आज निकिता की मौत के बाद उन गलियों में गम और गुस्से का माहौल है. जो पड़ोसी निकिता की सफलताओं पर गर्व किया करते थे, आज उसे न्याय दिलाने की मुहिम में जुटे हैं. निकिता बी. कॉम ऑनर्स के आखिरी वर्ष की छात्रा थी और 26 अक्तूबर को घर से निकली थी तो मन में चल रहा था कि ये परीक्षा पास करके IAS की तैयारी में जुट जाएगी.
घर से अग्रवाल कॉलेज के तक के आठ किलोमीटर के सफर के दौरान भाई, बहन और मां के बीच न जाने भविष्य के सपनों को लेकर कितनी बातें हुई होंगी. परीक्षा निकिता को देनी थी, लेकिन परेशान मां और भाई थे, बेटी की परीक्षा अच्छी जाए मन में यही प्रार्थना करते हुए निकिता की मां और भाई कॉलेज के पास ही उसके लौटने का इंतजार करने लगे. लेकिन उन्हें इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि तौसीफ, निकिता की जान लेने के इरादे से कॉलेज के गेट तक पहुंच चुका है.