संत ज्ञानेश्वर व संत तुकाराम महाराज की पालकियों का पुणे में भव्य स्वागत
पुणे. आषाढ़ी वारी के अवसर पर श्री क्षेत्र पंढरपुर के लिए निकली संत ज्ञानेश्वर महाराज व संत तुकाराम महाराज की पालकियों का बुधवार (22 जून) को पुण्यनगरी में आगमन हुआ. ‘ज्ञानोबा- तुकोबा` के जयघोष के साथ वारकरियों का सैलाब उमड़ा. पालकी मार्ग पर दोनों पालकियों का पुणेवासियों ने उत्साह के साथ जगह-जगह स्वागत किया. कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में पालकी समारोह नहीं हुआ, लेकिन इस वर्ष पालकी समारोह के लिए सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने से वारकरियों सहित सभी नागरिकों में खुशी का माहौल है. श्रीक्षेत्र आलंदी से संत ज्ञानेश्वर महाराज की पालकी पंढरपुर के लिए निकली है, जबकि श्रीक्षेत्र देहू से संत तुकाराम महाराज की पालकी पंढरपुर के लिए निकली है. चांदी के पालकी रथ में दोनों पालकियां विराजमान हुई हैं. अनगिनत संख्या में श्रद्धालुओं ने पालकियों का दर्शन किया.
पुणे मनपा द्वारा जगह-जगह पर वारकरियों के लिए रहने और स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की गई है. पुणे शहर का प्रवेशद्वार माने जाने वाले पाटिल इस्टेट में शाम संत तुकाराम महाराज की पालकी का आगमन हुआ. शाम 7 बजे संत ज्ञानेश्वर महाराज की पालकी का आगमन हुआ. पालकी समारोह में छोटे बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोग शामिल हुए.
ताल-मृदंग के संगीत में वैष्णवों का मेला धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए ‘ज्ञानोबा-तुकाराम` का जयघोष कर रहा था. राजनैतिक व सामाजिक क्षेत्र के लोगों द्वारा भी दिंडी प्रमुखों का स्वागत किया गया. पाटिल इस्टेट में पुणे मनपा के स्वागत कक्ष की ओर से मनपा कर्मचारियों ने दोनों पालकियों का स्वागत किया. फर्ग्युसन कॉलेज के पास संत तुकाराम पादुका चौक और संत ज्ञानेश्वर पादुका चौक में हर वर्ष की तरह दोनों पालकियों की समाज आरती की गई. दोनों पालकियां देर रात को पुणे में विश्रांति के लिए पहुंचीं. भवानी पेठ स्थित पालकी विट्ठल मंदिर में संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी विश्रांति के लिए पहुंची. नाना पेठ स्थित निवडुंगा विट्ठल मंदिर में संत ज्ञानेश्वर महाराज की पालकी विश्रांति के लिए पहुंची. दोनों पालकियां आज (23 जून) को दिनभर पुणे में होंगी. शुक्रवार (24 जून) को तड़के दोनों पालकियां पंढरपुर की दिशा में प्रस्थान करेंगी.
आषाढ़ी वारी के लिए निकले वारकरियों के लिए पुणे और पिंपरी चिंचवड़ मनपा की ओर से विभिन्न सेवा व सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. समारोह में आए विट्ठल भक्तों को लड्डू और अन्य खाद्य सामग्री वितरित की गई.