नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र के वर्तमान स्वरूप को लेकर चर्चा पुनः प्रारंभ हुई है. अभी हाल ही में एक्स (ट्विटर) के मालिक एवं टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्वरूप को लेकर सवाल उठाए थे. अब संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष द्वारा संयुक्त राष्ट्र के वर्तमान स्वरूप को लेकर टिप्पणी की गई है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का वर्तमान स्वरूप विश्व की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार नहीं है और इसमें सुधार नितांत आवश्यक है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक शांति और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए निर्णय लेने में असमर्थ रही है.
फ्रांसिस का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत द्वारा यूएनएससी में सुधार की मांग लगातार की जा रही है. फ्रांसिस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मौजूदा संरचना दुनिया की समकालीन भूराजनीतिक वास्तविकता को नहीं दर्शाती. उन्होंने यूएनएससी में सुधार की वकालत की.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद दूसरे विश्व युद्ध के बाद के हालात की स्थिति को दर्शाती है, लेकिन अब यह स्थिति नहीं है. इसको लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की बात से कोई भी सदस्य इनकार नहीं कर सकता. इसका काम इसके स्थायी सदस्यों के बीच राजनीतिक विभेद की वजह से प्रभावित होता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष ने कहा कि पहले यूक्रेन-रूस युद्ध और हाल ही में लाल सागर की तनावपूर्ण स्थिति, दोनों ही वैश्विक घटनाक्रम खतरनाक रहे हैं. खास तौर पर लाल सागर में अभी जिस तरह से तनाव बढ़ रहा है, वह क्षेत्रीय युद्ध में बड़े वैश्विक युद्ध में भी तब्दील होने का खतरा पैदा कर सकता है. लाल सागर की स्थिति एक खतरनाक मोड़ ले सकती है.
उन्होंने चेतावनी दी कि आज की स्थिति में दुनिया में पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक हथियार हैं जो युद्ध की स्थिति को ज्यादा बिगाड़ सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ने अफ्रीकी संघ को जी-20 का पूर्ण सदस्य बनाने में भारत की भूमिका की भी सराहना की. अफ्रीका को भारत के इस समर्थन ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसके नेतृत्व को प्रदर्शित किया है.
उधर, यूएनजीए अध्यक्ष फ्रांसिस ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात की.
पांच दिवसीय भारत दौरे पर आए फ्रांसिस ने बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की और उसके पश्चात प्रेस वार्ता में अपनी बात रखी. डॉ. एस. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों विशेषकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर डेनिस फ्रांसिस के विचार की सराहना की. डॉ. जयशंकर ने कहा कि वे सतत विकास लक्ष्यों और जलवायु कार्रवाई में गति देने के महत्व पर सहमत हुए हैं. उनके नेतृत्व में शिखर सम्मेलन की भविष्य की प्रक्रिया में श्री फ्रांसिस के भारत के समर्थन के प्रति आश्वस्त किया.