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भ्रमपूर्ण विचार से दूर रहते हुए वैचारिक योद्धा बनने की आवश्यकता – शांताक्का जी

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नागपुर. राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का जी ने कहा कि आज के समय में भ्रमपूर्ण विचारों से दूर रहते हुए एक वैचारिक योद्धा बनने की आवश्यकता है. इसके लिए घर-घर में प्रबोधन आवश्यक है. भारतीय महिलाएं इस कार्य को सक्षमता के साथ कर सकती हैं. शांताक्का जी आज नागपुर स्थित भोसला मिलिट्री स्कूल में आयोजित राष्ट्र सेविका समिति के प्रवीण शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में संबोधित कर रही थीं.

कार्यक्रम अध्यक्ष पद्मश्री उषा बारले ने सेविकाओं से भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होने का आह्वान किया. सेविकाओं द्वारा प्रस्तुत प्रात्यक्षिक देख कर उषा जी ने कहा कि स्व संरक्षण हेतु आप सब सिद्ध हुई हो और आप सभी को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सरीखा अपना व्यक्तित्व बनाना होगा. राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख कार्यवाहिका सीता गायत्री अन्नदानम् जी तथा वर्ग अधिकारी कमाल जी धिंगरा भी मंच पर उपस्थित रहीं.

समापन समारोह में सेविकाओं ने घोष वादन, मानवंदना, ध्वज संचलन, दंड, दंड योग इत्यादि का प्रात्यक्षिक प्रस्तुत किया.

राष्ट्र सेविका समिति का प्रवीण शिक्षा वर्ग 8 जून से नागपुर के भोसला मिलिटरी स्कूल में प्रारंभ हुआ था. वर्ग में संपूर्ण भारत के 31 प्रांतों से 84 सेविकाएं प्रशिक्षण हेतु आयी थीं.

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