नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है. अब इसे कानूनी रूप देने के लिए वर्तमान कानून में संशोधन किया जाएगा, इसके लिए केंद्र सरकार संसद में प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी. माना जा रहा है कि इसी सत्र में प्रस्ताव लाया जा सकता है.
अभी देश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है, जबकि लड़कों की 21 साल है. इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त के कार्यक्रम में चर्चा की थी. उन्होंने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी शादी उचित समय पर हो.
केंद्र सरकार बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिन्दू मैरिज एक्ट में भी संशोधन करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर यह कानून लागू हुआ तो सभी धर्मों और वर्गों में लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र बदल जाएगी.
लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने को लेकर विचार के लिए सरकार ने जून 2020 में जया जेटली की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया था. टास्क फोर्स ने पिछले साल दिसंबर में अपनी रिपोर्ट नीति आयोग को सौंपी थी. रिपोर्ट में टास्क फोर्स ने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 21 साल करने की सिफारिश की थी. साथ ही कहा था कि इसे समान रूप से पूरे देश में सभी वर्गों पर लागू किया जाए. टास्क फोर्स में 10 सदस्य थे. टास्क फोर्स ने कानूनी विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों के नेताओं और महिला प्रतिनिधियों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की थी.
जानकारी के अनुसार, लड़कियों की न्यूनतम उम्र में आखिरी बार परिवर्तन साल 1978 में किया गया था. इसके लिए शारदा एक्ट 1929 में परिवर्तन कर उम्र 15 से 18 की गई थी.