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आतंकियों को शरण देने वालों पर शिकंजा कसना शुरू, 12 की संपत्तियां जब्त

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जम्मू कश्मीर. आतंकवादियों को शरण देने वाले और उनकी मदद करने वालों पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अभियान के तहत जम्मू कश्मीर पुलिस ने 12 आतंकी मददगारों (OGWs, ओवर ग्राउंड वर्कर्स) की संपतियां जब्त कर ली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संबंध में श्रीनगर के एसएसपी राकेश बलवाल ने बताया कि घाटी में आतंकियों को शरण देने और उन्हें मदद पहुंचाने वालों की सम्पत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

अभियान के पहले चरण में श्रीनगर के डाउनटाउन, सोवरा, और बटमालू आदि क्षेत्रों में पुलिस ने यह कार्रवाई की है. इसके अलावा श्रीनगर के डाउनटाउन, पंथा चौक, सोवरा, नौगाम, हारवन आदि क्षेत्रों में भी एक दर्जन से अधिक आतंकी मददगारों की संपत्तियों की पहचान की जा चुकी है.

वहीं, इस सन्दर्भ में श्रीनगर पुलिस ने लोगों को आगाह भी किया है कि घाटी में आतंकवादियों को मदद पहुँचाने वालों की सपत्तियों को (UAPA) के तहत जब्त किया जाएगा.

श्रीनगर पुलिस ने इस मामले में अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि UAPA की धारा 2G और 25 के तहत उन संपत्तियों को अटैच करने का काम किया गया है, जिसे आतंकवाद के उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. पुलिस ने कहा कि संपत्ति अटैच करने के अलावा ऐसे मामलों में कानून के अनुसार कुर्क कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.

आतंकियों के संभावित ठिकानों को दोबारा से खंगाला जाएगा

पुलिस ने कहा कि इस दौरान ‘ओवर ग्राउंड नेटवर्क’ तथा शांति विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ व्यापक पैमाने पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही आतंकियों के संभावित ठिकानों को दोबारा से खंगाला जाएगा ताकि उन पर और उनके मददगारों पर शिकंजा कसा जा सके.

यह फैसला डीजीपी दिलबाग सिंह और अतिरिक्त मुख्य सचिव व गृह विभाग के आयुक्त सचिव राज कुमार गोयल की संयुक्त अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में किया गया. बैठक में विभिन्न सुरक्षा बलों व खुफिया विभाग के अधिकारी, कश्मीर के सभी जिलों के पुलिस प्रमुख भी उपस्थित थे.

अमरनाथ यात्रा से पहले घाटी में सुरक्षा व्यवस्था होगी चाक चौबंद

इसके आलावा जम्मू कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह और अतिरिक्त मुख्य सचिव व गृह विभाग के आयुक्त सचिव राज कुमार गोयल की संयुक्त अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. इसमें कहा गया कि 2 वर्षों बाद शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा से पहले घाटी में आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई और तेज की जाएगी. अमरनाथ यात्रा से पहले कश्मीर घाटी में निर्दोष लोगों के खिलाफ आतंकी हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा मजबूत किया जाएगा.

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