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आईआईटी में भारतीय संस्कार व मूल्यों का भी दिया जाएगा प्रशिक्षण

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नई दिल्ली. आईआईटी अब तकनीकी डिग्री के साथ ही छात्रों को भारतीय संस्कार और मूल्य भी सिखाएगा. आईआईटी में शैक्षणिक सत्र 2020-21 से बीटेक, एमटेक, पीएचडी छात्रों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वैल्यू एजुकेशन कोर्स जोड़ा गया है. इसमें नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर वैल्यू एजुकेशन इन इंजीनियरिंग (एनआरसीवीईई) द्वारा तैयार पाठ्यक्रम की पढ़ाई करवाई जाएगी. अगले सत्र से सभी आईआईटी में इस कोर्स को अनिवार्य पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा.

केंद्र सरकार ने मल्टीनेशनल कंपनियों की शिकायत के बाद आईआईटी से पास आउट होने वाले छात्रों को भारतीय संस्कार, मूल्य, नैतिकता आदि से जोड़ने की योजना बनाई है. इसके लिए आईआईटी दिल्ली में एनआरसीवीईई का गठन किया गया है. इसके अलावा एक उच्च स्तरीय कमेटी पूरी योजना पर काम कर रही है. इसका मकसद छात्रों को तकनीकी पेशेवर डिग्री की पढ़ाई के साथ भारतीय संस्कार, मूल्य, नैतिकता आदि पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार करके आईआईटी सहित अन्य शिक्षण संस्थानों या विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को उपलब्ध करवाना है.

उत्साद डागर को विजिटिंग फैकल्टी बनाया

आईआईटी अपने छात्रों को वैल्यू, सेल्फ मैनेजमेंट, सामाजिक दायित्व व जिम्मेदारी, मानवीय मूल्य व तकनीक से जोड़ेगा. शुरुआत शास्त्रीय संगीत में हिंदुस्तानी संगीत के गायन से हो रही है. इसके लिए डागर घराने के विख्यात गायक पद्मश्री उत्साद वासिफुद्दीन डागर के गायन से हो रहा है. आईआईटी प्रबंधन ने उत्साद डागर को आईआईटी का विजिटिंग फैकल्टी नियुक्ति किया है. इसके बाद अन्य शास्त्रीय गायक और वादक भी जुड़ेंगे. इसके अलावा योग और ध्यान की क्लास भी लगेंगी.

आईआईटी छात्र पढ़ाई में तो अव्वल होते हैं, पर भारतीय संस्कार, वैल्यू, मल्टी पर्सनैलिटी में पिछड़ गए हैं. इसको ध्यान में रखते हुए वैल्यू एजुकेशन के तहत उन्हें विशेष ट्रेनिंग देकर जोड़ा जाएगा. इसके अलावा पाठ्यक्रम भी तैयार हो रहा है. – प्रो. राहुल गर्ग, प्रमुख, एनआरसीवीईई

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