मेरठ. ईसाई मिशनरियों ने कोरोना संकट काल में धोखे से व सहायता का आश्वासन देकर जमकर धर्मांतरण करवाया. अब ऐसे मामलों का खुलासा हो रहा है. ऐसे ही मेरठ में लालच देकर जबरन 400 लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आने से हड़कंप मचा है. शनिवार को सैकड़ों की संख्या में लोग मेरठ के एसएसपी ऑफिस पहुंचे और उन्होंने लालच देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया.
एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि कुछ लोग लालच देकर उन्हें ईसाई बनने के लिए मजबूर कर रहे हैं. धर्म परिवर्तन करने वालों ने हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां बाहर करने के लिए मजबूर किया.
मेरठ के थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र की एक मलिन बस्ती मंगतपुर क्षेत्र के लोग स्थानीय भाजपा नेता के नेतृत्व में एसएसपी ऑफिस पहुंचे. बस्ती के अधिकतर लोग कूड़ा बीनने का काम करते हैं. बेहद गरीब वर्ग से संबंध रखने वाले लोग कोरोना काल में ऐसे लोगों के संपर्क में आ गए जो गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन करवाते हैं.
आरोप लगाया कि पहले तो इन्हें रुपये और खाने का लालच दिया गया. जिसके बाद अब यह लोग उनके घरों से हिन्दू देवी देवताओं की मूर्ति बाहर करने की बात कर रहे हैं. साथ ही मजबूर कर रहे हैं कि ईसाई धर्म को पूरी तरह से अपनाया जाए. क्षेत्र में एक अस्थाई चर्च भी बना दिया गया है.
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, SSP से शिकायत कर लोगों ने कहा कि धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने वाले आधार कार्ड में नाम बदलवाने के लिए कहने लगे. जब वे दी
वाली की पूजा कर रहे थे, उस दौरान झुग्गी-झोपड़ियों में घुसकर तस्वीरें फाड़ दीं. कहा कि जब तुम लोगों ने धर्म बदल लिया है, तो ये सब क्यों कर रहे हो. विरोध करने पर धमकी दे रहे हैं.
घटना के संबंध में मेरठ के एसपी सिटी पीयूष सिंह का कहना है कि कुछ लोग एसएसपी ऑफिस पर गए थे जो थाना ब्रह्मपुरी के मंगतपुर के रहने वाले हैं. इन लोगों का कहना था कि पिछले दिनों लोगों ने ईसाई धर्म स्वीकार किया था. अब इनका कहना है कि अंधेरे में रखकर धोखे में धर्म परिवर्तन करा दिया गया. इनके दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर 9 लोगों के खिलाफ ब्रह्मपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है.