हरिद्वार. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र हरिद्वार द्वारा कारगिल विजय दिवस की संध्या पर सतनाम साक्षी घाट स्थित शौर्य स्मारक पर माँ भारती के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी गई.
क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सुशील कुमार ने कहा कि आज कारगिल युद्ध विजय को 22 वर्ष हो चुके हैं. भारत मां के सपूतों ने जिस शौर्य और पराक्रम को प्रदर्शित किया, वह अनुपम शौर्य है. कारगिल युद्ध विश्व में सबसे ऊंचाई वाले दुर्गम परिस्थितियों में लड़ा गया एक मात्र युद्ध था. हमें अपने क्षेत्र के बलिदानियों के परिवारों को अपने साथ लेकर चलना है.
प्रेम प्रकाश आश्रम के संचालक संत हिमांशु ने कहा कि हरिद्वार पूरे विश्व के लिए धर्म और अध्यात्म का प्रेरणा केंद्र रहा है. ऐसे में हमारे गुरुजी की प्रेरणा से निर्मित शौर्य स्मारक अब हरिद्वार आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों को राष्ट्रीयता की प्रेरणा देगा, साथ ही स्थानीय लोगों में भी वीर सैनिकों शौर्य की स्मृति बनी रहेगी.
उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है, यहां के लगभग प्रत्येक गांव से एक युवा सेना में है. कारगिल युद्व में भी प्रदेश के कई वीर जवानों ने आपने प्राणों का बलिदान दिया है. ऐसे ही बलिदानियों की स्मृति में प्रेम प्रकाश आश्रम द्वारा गंगा तट पर भव्य शौर्य स्मारक की स्थापना कर समाज को प्रेरणा देने का काम किया है.