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तृणमूल के गुंडों ने सीमा पर तैनात रक्षकों के घरों को भी निशाना बनाया

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कोलकत्ता. पश्चिम बंगाल में विस चुनाव परिणाम आने के पश्चात प्रारंभ हुई हिंसा का आलम यह है कि देश की सीमाओं पर तैनात रक्षकों के घरों को भी नहीं बख्शा गया है. सीमा पर तैनात रक्षकों के घरों पर भी हमले हो रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने दो अलग-अलग स्थानों पर @BSF_India के जवानों के घरों पर हमले किए. तथा तोड़फोड़, आगज़नी, और मारपीट की घटना को अंजाम दिया. जवानों या उनके घरवालों पर हमला किया. कसूर केवल इतना, कि परिवार ने भाजपा का समर्थन किया.

वरिष्ठ पत्रकार बृजेश कुमार सिंह ने घटनाओं के संबंध में ट्वीट किया….

 

पहला मामला जलपाईगुड़ी ज़िले के रानीरहाट क्षेत्र का है, जहां छुट्टी पर आए बीएसएफ़ के जवान कमल सेन के घर पर टीएमसी से जुड़े गुंडों ने हमला बोला, कमल और परिवार वालों के साथ मारपीट कर उन्हें घायल किया. घर, ट्रैक्टर और बाइक में आग लगा दी. घायल जवान सिलिगुड़ी के अस्पताल में भर्ती है.

दूसरी घटना कूचबिहार की है, जहां सुशांत बर्मन नामक बीएसएफ जवान के घर पर हमला किया गया है और लूटपाट की गई है. इस कारण जवान के परिवार के सदस्य जान बचाने के लिए घर छोड़कर चले गए हैं, उनकी जान को ख़तरा है. हमले का कारण यह था कि जवान का भाई भाजपा समर्थक है, इसलिए ये हमला किया गया. इस मामले में शिकायत भी दर्ज हुई है.

दोनों घटनाएं ये बताने के लिए काफी हैं कि पश्चिम बंगाल में हालात क्या हैं. अगर सीमा पर तैनात रक्षकों का परिवार और मकान ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी की कौन सुनेगा. सीमा पर तैनात जवान लफंगों, गुंडों और घुसपैठियों से देश को बचाते हैं, पर आज उनके अपने घर सुरक्षित नहीं हैं.

बृजेश कुमार सिंह के अनुसार बीएसएफ़ के उच्चाधिकारियों ने दोनों ही मामलों में स्थानीय प्रशासन और पुलिस से कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. देखना ये होगा कि ममता बनर्जी के बंगाल में खुद सीमा रक्षकों के परिवारों को न्याय मिलेगा या नहीं, वो भी अगर हमले करने वाले उनकी खुद की पार्टी TMC के कार्यकर्ता हों.

@BSF_India के जवान सुशांत बर्मन के कूचबिहार वाले घर की ये तस्वीरें है, जहां जमकर तोड़फोड़ की गई है. सुशांत का भाई भाजपा का समर्थक है, इसलिए उसका परिवार टीएमसी के हिंसक कार्यकर्ताओं के तांडव का शिकार हुआ है और घर छोड़कर भागने को मजबूर है.

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