लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य के छह जिलों में अवैध रूप से रह रहे 74 रोहिग्याओं को गिरफ्तार किया है. एटीएस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से कार्रवाई को पूरा किया. विशेष अभियान के तहत मथुरा से 31, अलीगढ़ से 17, हापुड़ से 13, गाजियाबाद से 4 और मेरठ-सहारनपुर से 2-2 रोहिंग्या गिरफ्तार किए गए हैं. इसके अलावा, मेरठ और हापुड़ से पांच बच्चों को भी बरामद किया गया है. सर्वाधिक 31 रोहिंग्या नागरिक मथुरा के थाना जैंत क्षेत्र में गिरफ्तार कि गए हैं.
स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार के निर्देश पर एटीएस ने जिला पुलिस के साथ अलग-अलग जिलों में रहने वाले रोहिंग्याओं का सत्यापन कराया था. तत्पश्चात रविवार रात छह जिलों में निवास कर रहे रोहिंग्याओं के ठिकानों पर छापा मारकर उनकी गिरफ्तारी का अभियान चलाया गया. ये सभी अवैध रूप से सीमा पार करके आने के बाद अलग-अलग जिलों में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे थे.
एटीएस ने उनके पास से संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. इन सभी के राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की जांच भी हो रही है. उत्तर प्रदेश एटीएस पिछले कई महीनों से अवैध रूप में निवास करने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की धरपकड़ का अभियान चला रही है.
इस दौरान मानव तस्करी का मामला भी सामने आ चुका है. बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को अवैध रूप से सीमा पार कराने के बाद उनके भारतीय नागरिकता के फर्जी दस्तावेज बनवाए जाते हैं.
अवैध घुसपैठ करके भारत आ रहे बांग्लादेशी अब अवैध धर्मांतरण के अलावा जासूसी से लेकर आतंकी गतिविधियों तक में लिप्त हैं. हाल ही के दिनों में कई बांग्लादेशी नागरिक अवैध धर्मांतरण कराने वाले गिरोह में शामिल पाए गए. कुछ दिन पहले ही एटीएस ने देवबंद (सहारनपुर) से दो बांग्लादेशी नागरिकों हबीबुल्लाह मिस्बाह और अहमदुल्लाह को गिरफ्तार किया था. दोनों ने जाली कागजातों के सहारे खुद को भारतीय नागरिक दर्शाने वाले दस्तावेज तैयार कर लिए थे. बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ कर भारत के अलग-अलग राज्यों में अल कायदा की कट्टर विचारधारा को फैलाने और जिहाद के लिए धन एकत्र करने में भी इनकी भूमिका पाई गई है. हबीबुल्लाह, अहमदुल्लाह बांग्लादेशी व पाकिस्तानी हैंडलर के साथ संपर्क में थे और भारत के मुस्लिम युवकों में कट्टरता का जहर भरकर अल कायदा का नेटवर्क तैयार करने में जुटे थे.