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#VijayDiwas – दुश्मन के तीन बंकरों को अकेले ध्वस्त करने वाले महावीर लांस नायक राम उग्रम पांडे

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लांस नायक राम उग्रम पांडे ने 1971 के भारत – पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया. उनकी वीरता को सम्मानित करते हुए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान किया गया. राम उग्रम पांडे का जन्म 01 जुलाई, 1942 को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले के ऐमा बेशी गांव में हुआ था. वे 1962 में सेना में भर्ती हुए.

1971 में बांग्लादेश युद्ध के समय 8 गार्ड के सेक्शन कमांडर के रूप में नायक पांडे को ईस्ट पाकिस्तान के मुरापारा के पहाड़ी इलाके में भेजा गया था. यहां पाकिस्तानी सेना ने कई बंकर बनाए थे, साथ ही बड़ी संख्या में फ़ौज, तोप, मशीनगन से लैस थी. इस किलेबंदी को तोड़कर दुश्मन को परास्त करना लगभग असंभव था. 23 नवंबर की रात को दुश्मन पर हमला बोला गया, पर जवाबी कार्रवाई भी बहुत आक्रामक थी. लांस नायक पांडेय ने देखा कि दुश्मन के बंकर पर हमला ज़रूरी है, जिससे उन बंकरों में बैठे पाकिस्तानी सिपाहियों की गोलीबारी पर काबू पाया जा सकेगा.

अपनने जीवन की परवाह न करते हुए लांस नायक पांडे हाथ में ग्रेनेड लेकर रेंगते हुए आगे बढ़े, दुश्मन के बंकर के बिलकुल नज़दीक जाकर उन्होंने ग्रेनेड से दो बंकर ध्वस्त कर दिए. तीसरे बंकर को उन्होंने खुद रॉकेट लॉन्चर उठाकर उसे नेस्तनाबूद कर दिया. पर, इस बार उन्हें दुश्मन की गोली लग गयी और गंभीर रूप से घायल लांस नायक पांडे वीरगति को प्राप्त हो गए.

लांस नायक राम उग्रम पांडे की इस अनुकरणीय वीरता और बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया.

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