हरियाणा. किसान प्रदर्शनकारियों से नाराज ग्रामीणों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर साहबी पुल के निकट धरना दे रहे किसानों को आस-पास के गांवों के प्रतिनिधियों ने स्थान खाली करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है. दूसरी ओर हाईवे पर शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पर हरियाणा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिशन ने जय किसान आंदोलन के संयोजक योगेंद्र यादव का पुतला जलाकर लाल किले पर हुई घटना पर विरोध जताया. प्रशासन की ओर से भी धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को 3 सुझाव दिए गए हैं.
बुधवार को गांव डूंगरवास के आस-पास के गांवों के ग्रामीणों की मसानी के सरपंच कैप्टन लाला राम की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में गांव डूंगरवास, मसानी, जोनावास, तीतरपुर, निगानियावास, खरखड़ा, रसगण, जीतपुरा व निखरी आदि गांव के ग्रामीण मौजूद रहे. ग्रामीणों ने कहा कि एक महीने से आंदोलनकारियों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंधक बनाया हुआ है, जिस कारण आसपास के ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. हाईवे का ट्रैफिक गांव से गुजर रहा है तथा गांवों के लिंक रोड व पानी की पाइप लाइनें टूट चुकी है. वाहनों की टक्कर से बिजली के खंभे टूट गए हैं.
उन्होंने कहा कि मंगलवार को किसान आंदोलन की आड़ में लाल किला पर तिरंगे का अपमान हुआ है, जो किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा. बैठक में ग्रामीणों द्वारा गठित कमेटी सरपंच लालाराम की अगुवाई में आंदोलनकारी किसानों के नेताओं से भी मुलाकात की तथा 24 घंटे में हाईवे खाली करने का अल्टीमेटम दिया. ग्रामीणों के हाईवे पर पहुंचने के कारण तनाव की स्थिति बन गई थी. बातचीत के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा. ग्रामीणों ने कहा कि यदि 24 घंटे में हाईवे खाली नहीं किया गया तो फिर से पंचायत कर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी.
दूसरी ओर हरियाणा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की बैठक भी शाहजहांपुर-खेड़ा बार्डर पर हुई. एसोसिएशन ने जय किसान आंदोलन के संयोजक योगेंद्र यादव से भी मुलाकात की तथा हाईवे खोलने का आग्रह किया. सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर पेट्रोलियम एसोसिएशन व ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने योगेंद्र यादव का पुतला जलाया तथा शाहजहांपुर-खेड़ा बार्डर पर धरने पर बैठ गए. पेट्रोलियम एसोसिएशन ने हाईवे खोलने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है.