गीता स्थली ज्योतिसर में श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के दर्शन होंगे. विराट स्वरूप का ऊपरी हिस्सा गीता स्थली में पहुंच गया है. यह ज्योतिसर की पवित्र स्थली पर लाइट एंड साउंड शो के सामने पूर्व-दक्षिण दिशा में मुख कर लगाया जाएगा. विराट स्वरूप (करीब 40 फीट की प्रतिमा) लगाने के लिए दस फीट का फाउंडेशन बनाने का काम अक्तूबर में पूरा किया जाएगा. यह करीब 20 फीट गहरा भी होगा.
श्रीकृष्ण भगवान ने महाभारत में ज्योतिसर की धरती पर अजरुन को नीमित कर गीता का संदेश दिया था. कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने कृष्णा सर्किट के अंतर्गत स्थल को पर्यटन की दृष्टि से नए रूप में स्थापित करने का फैसला लिया था. विराट स्वरूप लाने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन ज्योतिसर में इसको रखने की व्यवस्था नहीं बन पाई थी. विराट स्वरूप का ऊपरी हिस्सा शुक्रवार को तीन ट्रालों में गीता स्थली पर लाया गया. बड़ी क्रेनों की मदद से इसको गाड़ी से उतारा गया. शनिवार को विराट स्वरूप को सुरक्षा की दृष्टि से रख दिया है.
200 करोड़ का प्रोजेक्ट
केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि ज्योतिसर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. कृष्णा सर्किट के अंतर्गत 200 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है. बिल्डिंग बनाने का काम करीब 80 फीसद पूरा कर लिया गया है. यहां आपन थियेटर भी बनाया जाएगा. इसके अलावा गीता के हाल और अन्य स्थल बनाए जाएंगे. विराट स्वरूप एक महीने पहले बनकर तैयार था. फाउंडेशन वर्क पूरा न होने के चलते इसे नहीं लगाया जा रहा था.
प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सूतार ने तैयार किया तैयार
प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सूतार ने श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को तैयार किया है. यह उनकी नोएडा स्थित वर्कशाप में तैयार किया गया है. इसमें 40 फीट का विराट स्वरूप है. इसमें श्रीकृष्ण, भगवान शिव, गणेश, नरसिंह, ब्रह्मा, एग्रीव, हनुमान, परशुराम व अग्निदेव सहित नौ सिर हैं. इसका वजन करीब 33 टन है. इसके अलावा नौ फीट के पैरों के नीचे कमल व शेषनाग की पूंछ है. राम सूतार ने पिछले दिनों ज्योतिसर का दौरा किया था.
ज्योतिसर में श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप लगाया जाएगा. इस पर करीब 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी. विराट स्वरूप के फाउंडेशन की दिशा को लेकर काम कुछ धीमा चल रहा था. इसको अब पूर्व की बजाय पूर्व-दक्षिण दिशा में लगाया जाएगा. फाउंडेशन का काम अक्तूबर में पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद विराट स्वरूप लगाया जाएगा. गौतम कुमार, एक्सईएन, टूरिज्म
इनपुट – दैनिक जागरण